रमेश गोयत

समाजसेविका पूनम चौधरी

पंचकूला, 09 जनवरी। प्रमुख समाजसेविका पूनम चौधरी ने केन्द्र सरकार से मांग की कि हठधर्मिता छोड़कर किसानों की मांगें स्वीकार करें और तुरंत तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा करे। चौधरी ने कहा कि एमएसपी पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी किसानों को दे।

45 दिनों से किसान अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का यह अंहिसात्मक विरोध प्रदर्शन काबिलेतारिफ है। गांधीवादी विचारधारा पर चलकर विरोध का जो तरीका किसानों ने दिखाया है, वह अन्य देशों के लिए भी एक मिशाल है कि किस प्रकार से भारत का किसान बिना किसी हिंसा के तानाशाही सरकार के फैसलों के विरूद्व एकजुट होकर शांतिपूर्वक अपना विरोध जता रहा है।

पूनम चौधरी ने कहा कि किसानों के इस सत्याग्रह से पूरे देश का आम जनमानस जुड़ गया है और इस दौरान जो किसान शहीद हुए है उनका बलिदान व्यर्थ नही जाएगा। किसानों की ही अंतिम जीत होगी। हरियाणा के प्रत्येक गांव में किसान आंदोलन की गूंज पहुंच चुकी है और सरकार को तीनों कृषि कानूनों को हर हाल में वापिस लेना होगा।

उन्होंने कहा कि अगर इसी प्रकार से केन्द्र सरकार अपनी जिद्द पर अड़ी रही तो किसानों का रोष बढ़ता जाएगा और इसके गंभीर परिणाम सरकार को भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता की आवाज ही सर्वोपरि होती है। इस समय किसानों सहित पूरे देश की एक ही आवाज है कि कार्पोरेट के दबाव में लाए गए तीनों काले कानूनों को सरकार वापिस ले।

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