भिवानी/धामु

सिद्ध पीठ बाबा जहरगिरी आश्रम में 22 जनवरी को होने वाले वार्षिक भंडारे के लिए हरिद्वार से एक लाख लीटर गंगाजल मंगवाया गया। आश्रम के पीठाधीश्वर अंतर्राष्ट्रीय श्री महंत अशोक गिरी महाराज ने गंगाजल की पूजा अर्चना की। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म में गंगा नदी को मां का दर्जा दिया गया है, इसलिए भक्त अपने घर को पवित्र रखने के लिए गंगाजल अपने घर में रखते हैं। गंगा का जल मोक्ष प्रदान करने वाला है और पूजा-अर्चना, शुद्धिकरण, अभिषेक और कई धार्मिक अनुष्ठानों में इसका प्रयोग किया जाता है। बिना गंगाजल के कोई धार्मिक अनुष्ठान पवित्र नहीं माना जाता है।गंगा जल भगवान शिव का बहुत प्रिय है।

अशोक गिरी महाराज ने बताया कि पिछले कई वर्षों से भण्डारे में बनने वाला सम्पूर्ण प्रसाद गंगा जल में  बनाया जाता  है। धर्म में गंगा नदी को मां का दर्जा दिया गया है, इसलिए भक्त अपने घर को पवित्र रखने के लिए गंगाजल अपने घर में रखते हैं। गंगा का जल मोक्ष प्रदान करने वाला है और पूजा-अर्चना, शुद्धिकरण, अभिषेक और कई धार्मिक अनुष्ठानों में इसका प्रयोग किया जाता है। बिना गंगाजल के कोई धार्मिक अनुष्ठान पवित्र नहीं माना जाता है।गंगा जल भगवान शिव को बहुत प्रिय है। पिछले कई वर्षों से भण्डारे में गंगा जल से प्रासद बनाया जाता है।

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