7 जनवरी 2021 – लगभग 20 दिन पूर्व नारनौल में जल अधिकार रैली करके एसवाईएल पर लम्बी-चौड़ी हांककर दक्षिणी हरियाणा का हितैषी होने का दमगज्जा मारने वाले मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने पूछा कि वे मनेठी एम्स निर्माण का रास्ता साफ करने के लिए माजरा के किसानों को प्रति एकड़ 50 लाख रूपये का मुआवजा देकर एम्स निर्माण क्यों नही करवाते?

विद्रोही ने कहा कि किसानों को बाटने व तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को हरियाणा में कमजोर करने के लिए खट्टर अहीरवाल में आकर पंजाब से एसवाईएल निर्माण में सहयोग नौटंकी करते है, पर अहीरवाल के दीर्घकालिक हितों व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ राजनीतिक खिलवाड़ करके किसी न किसी बहाने पांच साल पूर्व घोषित मनेठी एम्स निर्माण में अप्रत्यक्ष रोडे अटका रहे है। एम्स निर्माण के प्रति खट्टर व भाजपा सरकार का भेदभावपूर्ण रवैया बताता है कि वे वास्तव में कितने दक्षिणी हरियाणा के हितैषी है।

विद्रोही ने कहा कि जब माजरा के किसान एम्स निर्माण के लिए अपनी जमीन देने को तैयार है तो फिर हरियाणा भाजपा सरकार इस जमीन का अधिग्रहण करने की बजाय मुआवजे के नाम पर इस मुद्दे को भटका क्यों रही है? खट्टर सरकार किसानों को जमीन मुआवजा 29 लाख रूपये प्रति एकड़ देने की जिद पकड़े हुए है, जबकि किसान 50 लाख रूपये प्रति एकड़ का मुआवजा मांग रहे है जिसे सरकार देने को तैयार नही है।  विद्रोही ने कहा कि एम्स के लिए मिल रही प्रस्तावित इस 200 एकड जमीन में 75 एकड़ जमीन तो ग्राम पंचायत माजरा की मुफ्त में मिल रही है। सरकार को केवल 125 एकड़ जमीन का मुआवजा देना है जो यदि 200 एकड़ जमीन मुआवजे की गणना की जाये तो सरकार को अपने घोषित बजट से मात्र साढ़े चार करोड़ रूपये ज्यादा देना होगा। सवाल उठता है कि जो सरकार एम्स जैसे प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थान के निर्माण के लिए जमीन मुआवजे खातिर साढे चार करोड़ रूपये ज्यादा खर्च करने को तैयार नही है, वह कैसी और कितनी अहीरवाल की हितैषी है, यह बताने की जरूरत नही।

दक्षिणी हरियाणा से सम्बन्धित सभी भाजपा सांसद, विधायक व स्थानीय सांसद व केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह क्षेत्र के हित व विकास के लिए लम्बे-चौड़े दावे तो करते है, पर एम्स बनवाने के लिए सरकार पर दबाव डालने खातिर कोई कुर्बानी देने को तैयार नही। विद्रोही ने भाजपा खट्टर सरकार से आग्रह किया कि वे दक्षिणी हरियाणा को भावनात्मक रूप से ठगने की बजाय माजरा के किसानों को 50 लाख रूपये प्रति एकड जमीन मुआवजा देकर मनेठी एम्स निर्माण का रास्ता साफ करे। 

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