8 जनवरी 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने वीरवार को मसानी पुल पर विगत चार दिनों से दिल्ली की ओर कूच करने के प्रयास में रोके जाने पर खुले आसमान के नीचे दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम करके धरने पर बैठे किसानों को अपना समर्थन देते हुए उनके हौंसले को सलाम किया।

विद्राही ने श्री मनेन्द्र सिंह के नेतृत्व में संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलनरत किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वे किसान व खेती को बचाने के लिए लडाई लड रहे है, वह अवश्य सफल होगी और हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार ने जिस तरह 4 दिन पूर्व गांधीवादी तरीके से आंदोलन करते हुए दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों पर 300 से ज्यादा आंसू गैस गोले बरसाए व कड़कडाती ठंड में वर्षा से भीगे किसानों पर पानी की बौछारे छोडी, वह जुल्म की इंतिहा थी। पर खट्टर सरकर व हरियाणा पुलिस का बर्बर बल प्रयोग भी किसानों के हौंसले को नही तोड पाया और वे यहां मजबूती से जमे हुए है।

विद्रोही ने कहा कि कृषि कानूनों के माध्यम से मोदी सरकार सत्ता दुरूपयोग से किसानों को लूटकर अडानी-अम्बानी जैसे बड़े पंूजीपतियों की तिजौरियां भरने के षडयंत्र रच रही है। विगत दो सालों में अडानी समूह ने देशभर में एफसीआई के गोदामों से ज्यादा अनाज भंडाण के जो गोदाम बनाये है, वे चीख-चीख कह रहे है कि काले कृषि कानूनों को बड़े सुनियोजित ढंग से कोविड संक्रमण के दौर में लाकर किसान लूट का जो कानूनी प्रबंध किया है, उसे किसान किसी भी हालत में सफल नही होने देगा।

  विद्रोही ने कहा कि एक ओर मोदी सरकार किसानों से वार्ता-वार्ता की नौटंकी कर रही है, वहीं दूसरी ओर दमगज्जे ठोक रही है कि करोडों किसान इन कानूनों के पक्ष में है, पर इन काले कानूनों के पक्ष में कौन किसान है, यह किसी को दूरबीन लेकर भी दिखाई नही दे रहा है जबकि इन काले कानूनों के खिलाफ लाखों किसान, महिलाएं सड़कों पर लड़ते हुए पूरे देश को दिखाई दे रहे है। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर शाहजहांपुर-खेड़ा बार्डर व मसानी पुल के पास किसानों का धरना जीवंत प्रमाण है कि यदि सरकार ने जिद नही छोडी तो किसान दिल्ली-जयपुर मार्ग को भी पूर्णतया अवरूद्ध करके दिल्ली से इस मार्ग के सम्पर्क को अवरूद्ध कर देगे।

  7 जनवरी को किसानों ने अतिसफल ट्रैक्टर मार्च करके मोदी सरकार को ट्रैलर भी दिखा दिया है। यदि सरकार ने अपनी जिद नही छोडी तो दिल्ली में 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर की ऐसी महापरेड होगी जिससे मोदी-भाजपा सरकार की चूले हिल जायेगी। विद्रोही ने दक्षिणी हरियाणा के किसानों से भी सार्वजनिक आग्रह किया कि वे सरकार भक्ति छोडकर अपनी परम्परागत किसान भक्ति को जागृत करके अपने अन्नदाता किसान भाईयों का साथ देकर किसान व खेती को बचाने के लिए आगे आये।  

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