विभाग ने जांच के लिए भेजे सैम्पल

रमेश गोयत

पंचकूला। जिला के बरवाला और रायपुर रानी क्षेत्र में पड़ने वाले पोल्ट्री फार्मो में 4 लाख से भी अधिक संख्या में मुर्गियों के दम तोड़ने का मामला सामने आया है। जिसको लेकर पशुपालन विभाग ने जिला अधिकारियों से रिपोर्ट माँगी है। ताकि पता लगाया जा सके कि कितनी मुर्गियां अब तक मर चुकी हैं। पशुपालन और डायरी विभाग की टीम द्वारा पोल्ट्री फार्मो में ब्लड और प्रेक्टिकल सैम्पल लिये गए है। सैम्पल डॉक्टर कोमल पशु चिकित्सक डीडीएलए लैब पंचकूला की देखरेख में लिए गए। सभी सैम्पलों को विभिन्न लैब में जांच के लिए भेजा हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि आखिर कौन से वायरस के कारण मुर्गियां दम तोड़ रही हैं। पंचकूला जिला में पोल्ट्री फार्मों में मुर्गियों की कुल संख्या 77,87,450 है जबकि 4,09,970 की मौत हुई है। पिछले महीनों की तुलना में पोल्ट्री की मृत्यु दर वर्तमान में अधिक है। रायपुररानी और बरवाला क्षेत्र में पोल्ट्री फॉर्म व्यवसाय कोरोना काल में समस्या बना हुआ है अब किसी नए संक्रमण ने संचालकों की परेशानी बढ़ा दी है। बरवाला और रायपुर रानी क्षेत्र में 150 पोल्ट्री फॉर्म है जिसमें से गंभीर वायरस के फैलने के कारण पिछले 20 दिनों में लाखों मुर्गियां रातों-रात मर गई। और अभी तक पोल्ट्री फॉर्म संचालकों व प्रशासन द्वारा कारणों की कोई पुष्टि नहीं की गई है। उधर देश में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद पंचकूला के साथ लगते चंडीगढ़ में अलर्ट घोषित कर पक्षियों पर नजर रखने की तैयारी की गई है।

सरकार ने की पोल्ट्री या पोल्ट्री उत्पादों के बारे में एडवाइजरी जारी

हरियाणा सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने पोल्ट्री या पोल्ट्री उत्पादों के बारे में एडवाइजरी जारी कर कहा है कि सलाह दी गई है कि उपभोक्ता पोल्ट्री या पोल्ट्री उत्पादों को अच्छी तरह से पकाकर खाएं। पशुपालन एवं डेयरी विभाग को सूचना मिली है कि पिछले दस दिनों में पंचकूला जिला के बरवाला क्षेत्र में गांव गढ़ी कुटाह और गांव जलोली के पास 20 पोल्ट्री फार्मों में पिछले दस दिनों में करीब चार लाख मुर्गियों की असामान्य मौत हुई है। वहां से नमूने एकत्र किए गए और क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला (आरडीडीएल) जालंधर को भेजे गए जहां से रिपोर्ट का अभी इंतजार है। वैसे भी वर्तमान में आरडीडीएल की टीम भी मुर्गियों के नमूने के लिए पुन: बरवाला क्षेत्र में पहुंच गई है। अभी तक एवियन इन्फ्लुएंजा की कोई पुष्टि नही हुई है। आशंका जताई गई है कि संदिग्ध बीमारियां रानीखेत या संक्रामक लारेंजो-ट्रैक्टिस भी हो सकती हैं। विभाग की ओर से सलाह दी गई है कि कच्चे पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पादों को कभी भी कच्चा खाया जाने वाले पदार्थों के साथ मिलाकर खाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

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