रमेश गोयत

पंचकूला 06 जनवरी- हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार किसानों को बातचीत के नाम पर भोले-भाले किसानों को दिग्भ्रमित करके उनकी एकता को तोड़ना चाहती है और यह सरकार की हठधर्मिता का ही परिणाम है कि देश का अन्नदाता सर्दी, कोहरे और बरसात के प्रकोप को और आंसू गैस की विभीषिका को झेल रहा है। उन्होंने कहा कि मैं देश के बहादुर किसानों को शत शत नमन करता हूं, जिन्होंने अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए औरदेश में किसान एकता को बढ़ावा देने के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया और इनका यह बलिदान देश के इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की है कि पीड़ित परिवारों को एक एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने केसाथ-साथ उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए ताकि इन परिवारों की वेदनाओं को कम किया जा सके। चन्द्र मोहन ने कहा कि किसानों का दोष यही है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय 2022 तक दौगुना करने के झूठे वायदे पर विश्वास कर के उनको सत्तासीन कर दिया और इस अहसान का बदला चुकाने के लिए  ही मोदी सरकार ने डीजल के दामों में 25 रुपए प्रति लीटर से अधिक की  बढ़ोतरी करने के साथ साथ कृषि संयंत्रों पर जीएसटी थोप कर उसे मरने के लिए विवश कर दिया गया है।                            

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कृषि अध्यादेशों के माध्यम से कारपोरेट घरानों कोलाभ पहुंचाने का कुत्सित  प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी को अप्रत्याशित ठण्ड और बारिश की वेदना झेल रहेकिसानों की चिंता नहीं, उन्हें तो चिंता केवल अपने सूट-बूट वाले दोस्तों की है ताकि किसानों का शोषण करके उनको और अधिक फलने और फूलने का सुनहरी अवसर प्रदान किया जा सके। चन्द्र मोहन ने किसान एकता की प्रशंसा करते हुएकहा कि आजाद भारत में ऐसा पहली बार ?हुआ है कि देश के अन्नदाता को अपनी उचित मांगे मनवाने के लिए भी देश के प्रधानमंत्री कोजगाने के लिए इतनी बड़ी कुर्बानी देने पर विवश होना पड़ रहा है।

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