ताजनगर के ग्रामींणों ने अपने पैसे से बनाया था यह स्टेशन. ताजनगर हाल्ट के 11 वर्ष पूरे होने पर केक काट खुशी मनाई. रेवाड़ी और दिल्ली रेल खंड पर बनाया गया ताजनगर हाल्ट फतह सिंह उजाला पटौदी। देश ही नहीं विश्व पटल पर अपनी पहचान दर्ज करा चुके गांव ताजनगर में ग्रामीणों ने चंदा एकत्रित करके बनाये हुए ताजनगर रेलवे हाल्ट के 11 वर्ष पूरे होने पर केक काटकर और मिठाई बांट कर वर्षगांठ मनाई और एक दूसरे को बधाई दी। इस मौके पर पूर्व रेल मंत्री लालू यादव और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह जिंदाबाद के नारे लगाये गए। ग्रामीणों ने दोनों नेताओं का रेलवे स्टेशन बनाने में दिए गए अहम योगदान के लिए आभार प्रकट किया। इस मौके पर किसान नेता राव मानसिंह, समाजसेवी राव बाल किशन, राव सुबे सिंह सहाब, सरपंच ललील यादव, अजीत सिंह यादव, शिवताज प्रजापति, चैधरी राजेंद्र सिंह, पूर्व हेड मास्टर राव रामकिशन, भीम सिंह सारवान, हरभजन सिंह बाजवा आदि ने बताया कि गांव ताजनगर में यातायात के साधनों से परेशान और रेल यात्रा के लिए चार पांच किलो मीटर कच्चे रास्तों से निजात पाने के लिए गांव ताजनगर में ही रेलवे स्टेशन बनाने की नींव 1984 में रखी थी। जब रेल मंत्री लालू यादव बने तों उन्होंने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के आग्रह पर इस रेलवे स्टेशन को स्वीकृति प्रदान की थी। लेकिन बजट के अभाव में रेल विभाग ने जब हाथ खडे कर दिए तो ग्रामीणों इस काम को सिरे चढ़ाने के लिए गांव में पंचायत करके करीब 30 लाख रुपए की राशि एकत्रित की और एक इतिहास रचते हुए गांव ताजनगर का अपना रेलवे स्टेशन ही बना दिया और साबित कर दिया कि गांव ताजनगर के ग्रामीण जब मांग कर सकते है तो उस मांग को तैयार कराने में भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने बताया कि इतना ही नहीं ग्रामीणों ने करीब 50 लाख रुपए और एकत्रित किए गांव की पंचायत भूमि में बाबा मंशाराम विवाह समारोह स्थल भी तैयार कर दिया। उन्होंने बताया कि आज के ही दिन केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह 2010 में रेलवे स्टेशन का उदघाटन किया और क्षेत्र के लोगों के लिए रेल गाडी के ठहराव की व्यवस्था की थी। ग्रामीणों ने अपने चंदे से हर रोज करीब पांच सौ टिकटे भी खरीदी की कहीं रेल विभाग इस रेलवे स्टेशन को कम राजस्व के चलते बंद ना कर दे। ग्रामीणों की मेहनत रंग लाई और जिला गुरुग्राम में सबसे ज्यादा यात्री ताजनगर रेलवे स्टेशन से रेल सफर करते है। इस मौके पर बलबीर सिंह, वेदपाल, सुबेदार सुरेश, कैप्टन रामानंद, रामंकवार, वीर बहादूर लम्बरदार, रोहताश लम्बरदार, हरीश , लक्खी राम, नवीन फौजी, बलवान, रामेश्वर, हुकम सिंह, मुन्ना सिंह, प्रदीप यादव, रमेश शर्मा, महाबीर सिंह, रामनिवास, कुलदीप कटारिया, जसवंत सिंह प्रजापति, रतिराम, खुशीराम, हरीश यादव, धर्मेंद्र कुमार आदि मौजूद थे। Post navigation प्राइवेट स्कूल संचालकों ने अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा पहाडी बाबा सहित दर्जन भर लोगों के खिलाफ न्यायालय में गुहार