ठंड से कांपते,वर्षों से भीगे किसानों पर रविवार को लगभग 300 अश्रु गैस के गोले दागकर व किसानों पर पानी की बौछारें करके आजादी आंदोलन के दौर की अंग्रेजी हकूमत के जुल्मों की याद ताजा कर दी

4 जनवरी 2020 – रविवार को तीन काले किसान कानूनों के खिलाफ इस भयंकर ठंड में खुले आसमान के नीचे वर्षा से भीगे आंदोलनरत किसानों पर मसानी-धारूहेड़ा के पास दिल्ली-जयपुर हाईवे पर हरियाणा पुलिस द्वारा दागे गए लगभग 300 अश्रु गैस के गोलो, पानी की बौछारो की स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष व हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कठोर आलोचना करते हुए इसे भाजपा-खट्टर सरकार के जुल्म की इंतहा बताया1

विद्रोही ने कहा कि रविवार को रेवाड़ी, धारुहेड़ा, बावल क्षेत्र में जब 8 से 9 मिलीमीटर बारिश हुई तब धरती पुत्र अन्नदाता किसान इस भयंकर ठंड में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर खुले आसमान के नीचे वर्षा से भीगता हुआ तीन काले किसान कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहा था1 और जब किसानों ने बांबड़ कट से दिल्ली की तरफ बढ़ते हुए पुलिस बेरिकेडिंग को तोड़कर धारुहेड़ा के पास मसानी पुल के नीचे पहुंचे तो भाजपा-खट्टर सरकार के निर्देश पर हरियाणा पुलिस ने ठंड से कांपते, वर्षों से भीगे किसानों पर रविवार को लगभग 300 अश्रु गैस के गोले दागकर व किसानों पर पानी की बौछारें करके आजादी आंदोलन के दौर की अंग्रेजी हकूमत के जुल्मों की याद ताजा कर दी1

धारूहेड़ा जयपुर हाईवे सन्नाटा छाया रोड

विद्रोही ने भाजपा-खट्टर सरकार व हरियाणा पुलिस के इस घोर किसान विरोधी, अमानवीय कुकृत्य की कठोर आलोचना करते हुए सवाल किया क्या किसानों को कृषि कानूनों के खिलाफ अपना रोष जताने आजाद, लोकतंत्र भारत में दिल्ली जाने का भी अधिकार है भी या नहीं? किसानों को रोष जताने दिल्ली जाने से रोकने खातिर लगभग तीन सौ आंसू गैस के गोले दागना, भयंकर सर्दी में पानी की बौछारें करना कैसे उचित है? आजाद भारत में मोदी-भाजपा-खट्टर सरकार द्वारा अन्नदाता किसानों से ऐसा सलूक क्या जुल्म की इंतहा नहीं है?

विद्रोही ने बताया रेवाड़ी जिले में विगत 20 दिनों में ही दिल्ली जयपुर हाईवे पर हरियाणा पुलिस ने 4 बार ऐसी बर्बरता दिल्ली की तरफ बढ़ने के प्रयास में आंदोलनरत किसानों के साथ की है1 जो जीवंत प्रमाण है हरियाणा भाजपा सरकार की मानसिकता घोर किसान विरोधी है1 वहीं खट्टर सरकार एसवाईएल के नाम पर किसानों को बांटने के लिए सत्ता के दलालों से एसवाईएल निर्माण नामों से दिल्ली की पदयात्रा सरकारी संरक्षण में करवा रही है1 एसवाईएल का मुद्दा हरियाणा व दक्षिणी हरियाणा के लिए जितना महत्वपूर्ण है1 उतना ही महत्वपूर्ण 3 काले किसान कानून का रद्द होना भी पूरे देश के किसानों के लिए जीवन मरण का प्रश्न है1

विद्रोही ने कहा जब पूरा हरियाणा देश के किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर तीन काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहा तब भाजपा सरकार सत्ता के दलालों द्वारा एसवाईएल के नाम पर सरकार दक्षिणी हरियाणा को शेष हरियाणा से अलग-थलग करके उसे अछूत बनाने का जो कुप्रयास कर रही है वह दक्षिणी हरियाणा के किसानों को किसान विरोधी व अपने किसान धर्म से दूर करने का एसा कुप्रयास है जो दक्षिणी हरियाणा को सदैव के लिए कलंकित कर देगा1

ऐसी स्थिति में विद्रोही ने दक्षिणी हरियाणा के मेहनतकश किसानों से आग्रह किया कि वे सरकारी भक्ति छोड़कर अपना स्वाभिमान जगाकर कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलनरत किसान भाइयों का साथ देकर अन्नदाता होने का किसान धर्म निभाएं1

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