नए बरस का पैगाम अब जबकि हम नए बरस 2021 में प्रकट हो ही चुके हैं तो इस दफा इसकी आड़ में कुछ ज्ञान पेलने का काम किया जाए। बहुत से शुभचिंतकों की ये हिदायतें-सिफारिशें-ख्वाईशें-हुक्मनामें आ रहे थे कि इस दफा कुछ रूटीन से हट कर लिखा जाए। जिंदगी के फलसफे पर बात की जाए। यंू तो हम कोई इतने बड़े ज्ञानी नहीं है जो दूसरों को आर्ट आफ लीविंग बताएं-सिखाएं। ठीक और गलत का फर्क समझाएं,लेकिन जो देखा-समझा-लिखा-पढा-जाना है, या अपने अनुभव के आधार पर ढाई अरफी बात ये है कि हम सबके लिए जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है खुश रहना। सिर्फ और सिर्फ खुश रहना। खुश होने-रहने से कभी न चूके। हमेशा खुश रहें। बागम बाग रहें। जो भी काम आपको खुश रखता है उसे बेहिचक-बेझिझक करें। मौज लें। खुद को बंधनों में न बांधे। ये जरूर ध्यान रखें कि अत्यधिक कुछ ना हो। किसी भी चीज की अधिकता जहर बन जाएगी। अच्छा खाएं-पीएं-कमाएं-जीएं-घूमें-फिरें-पढें-लिखें। मेहनत से कभी जी न चुराएं। नैगेटिव लोगों से दूर रहें। जिन लोगों के साथ आपको खुशी मिलती है, उनके संग रहें। पुराने दोस्तों के साथ जरूर समय बिताएं। विटामिन डी की कमी आजकल ज्यादातर लोगों में है। इसकी भरपाई के लिए उचित होगा कि कुछ समय धूप में जरूर बिताएं। हल्का फुल्का व्यायाम रोजाना करें। एक शोध से साबित हुआ है कि इंसान के पांच सर्वश्रेष्ठ डाक्टर हैं:नींद,भोजन,दोस्त,धूप और व्यायाम। सबसे जरूरी बात ये है कि जब भी हमारा अंतिम समय आएगा तब हमारी मीठी यादें ही हमारी असली धरोहर होंगी। यही हमारी पंूजी होगी। ये धन दौलत और बाकि का सौदा किसी काम का नहीं। बहुत से लोग अपना सारा जीवन कमाई, कमाई और कमाई के चक्कर में लगे रहते हैं। न जीवन को जीते हैं और न दौलत को भोगते हैं। आपकी दौलत वही जो आप ने खुद पर खर्च कर ली। जिस से अपने लिए खुशियां बटोर ली। जो आप छोड़ गए वो दौलत किसी और की है। जीवन में बचत करें, जरूर करें,लेकिन कभी कंजूसी ना करें। अपनी इच्छाओं का दमन कदापि ना करें। आपको नहीं पता आपके जाने के बाद आप की छोड़ी इस दौलत का कौन कैसे कैसे इस्तेमाल करेगा? सो खुल कर जीएं। बहुत से लोग ऐसा कहते हैं कि ये हो जाए तो फिर ये करूगां। जैसे कि.. बच्चों की शादी हो जाएगी तभी दुनिया घूमूगां। या रिटायरमेंट के बाद ही फलां काम करूगां। या ये कि एक दफा बच्चों की नौकरी लग जाए तो ही ये काम करूगां। इन बातों में कुछ नहीं रक्खा। इतने बड़े बड़े प्लान ना बनाएं। आज में जीएं। जीवन में मिनट और सैंकेड का भरोसा नहीं है। हर पल और हर लम्हें का आनंद उठाएं। क्या आप जानते हैं कि सबसे किस्मतवाले कौन लोग हैं? वो लोग हैं जो अगली सुबह का सूरज देखने के लिए जिंदा रहते हैं। बहुत से लोग ऐसे हैं जो आज हैं,लेकिन कल जीवित नहीं मिलते-उठते। हम सब भाग्यशाली हैं कि हमें ईश्वर ने जीवन दिया है। हमें मानव बनाया है। जीवन में नैगेटिविटी बहुत फैली हुई है। इसके बीच पोजिटिव रहना कठिन तो है, लेकिन नामुमकिन नहीं। इसका सीधा और सरल उपाय है कि हम अपने दिमाग को खाली रखें। फिजूल के विचारों को दिल-दिमाग में जगह न दें। किसी ने अच्छा कह दिया तो हम खुश हो गए और किसी ने बुरा कह दिया तो हम खफा हो गए। खुद पर नियंत्रण रखें। जैसे कि कहा जाता है कि अपना रिमोट कंट्रोल अपने पास रखें। किसी दूसरे के विचारों को खुद पर हावी न होने दें। हर किसी की कही बात पर प्रतिक्रिया देने से बचें। आपकी प्रतिक्रिया बहुत ही कीमती होनी चाहिए। हर ऐरे गैरे नत्थू खैरे की बात पर रिएक्ट न करें। फिजूल की बातों को इग्नोर करना सीखें। हमेशा बड़ा दिल दिखाएं। माफी मांगना और माफ करना सीखें। मेरी गारंटी है कि इसी एकमात्र काम से आपकी जिंदगी बदल जाएगी। खुद को किसी का मोहरा न बनने दें। बड़ा बनने-ऊंचा उड़ने के लिए आपका हल्का होना अत्यंत जरूरी है। अपने लक्ष्य पर फोकस रखें। चंूकि पिछले बरस हम सबको कोरोना महामारी से जूझना पड़ा है सो इसलिए हम लोगों के घूमने फिरने पर्यटन करने पर काफी हद तक विराम लग गया है। नए बरस पर हम ये प्रण लें कि इस दफा हम पिछली सारी कसर निकाल देंगे। जिंदगी जीएंगे। खुद के लिए जीएंगें। प्रकृति के साथ समय बिताएं। एक जरूरी बात ये भी कि किसी जरूरमंद की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहें। जरूरी नहीं कि हर रोज सैकड़ों लोगों को भोजन कराने से ही पुण्य मिलता है। जहां भी संभव हो, जितना भी संभव हो जरूरमंद की मदद करने का जज्बा जरूर रखें। मदद का कोई पैमाना नहीं। अगर किसी बुर्जुग या नेत्रहीन को सड़क पार करवा दी तो ये भी नेक काम ही है। अगर किसी गरीब बच्चे को स्कूल की किताबें दिला दी तो ये भी भलाई का काम है। अगर किसी नशेड़ी को नशे की दलदल से निकाल कर उसकी जिंदगी पटरी पर ला दी तो ये भी एक पुण्य का काम है। जरूरी नहीं कि हर भलाई के काम में पैसा ही खर्च होता हो। अगर आपकी सिफारिश से किसी जरूरमंद को नौकरी मिल गई तो ये भी आपकी नेकियों में शुमार है। अपने जानने वालों की मदद के लिए तो हर कोई कोशिश करता है,लेकिन अंजान और अजनबियों की भी मदद के लिए हमेशा लालयित रहें। हमेशा ध्यान रखें कि आप ने अगर किसी की मदद कर भी दी तो फिर उसका ढोल न पीटे। नेकी कर दरिया में डाल वाली कहावत को खुद पर जरूर लागू रखें। खुद के बड़े होने का वहम कतई न पालें। घमंड ना पालें। हमारी कोई औकात-हैसियत नहीं कि हम किसी का भला कर सकें। ये ईश्वर ही है जो सब करता और करवाता है। हम सब तो सिर्फ जरिया मात्र हैं। जहां तक हो सके झूठ-फरेब से बचें। धोखा देने से बचें। जिन लोगों ने हम पर उपकार किए हैं, हमें हमारी मंजिल तक पहुंचाने में सहयोग किया है, बुलंदी पर पहुंच कर उनसे कभी किनारा ना करें। मुंह में राम राम बगल में छुरी न रखें। मौकापरस्ती हरगिज न करें। कहते हैं कि अगर आप ने किसी व्यक्ति के बारे में जानना है तो आप ये देखिए कि वो मूक-बघिर-बेजुबान प्राणियों से कैसे बर्ताव करता है। पशु-पक्षियों के प्रति हमेशा मानवता का नजरिया रखें। ईश्वर ने जिन लोगों को सक्षम नहीं बनाया या जिन लोगों की वित्तीय और शारीरिक स्थिति हम से कमतर है या वे लोग जो हम पर आश्रित हैं जैसे हमारा अधीनस्थ स्टाफ, माली-ड्राईवर-कुक-सफाई कर्मचारी आदि से हमेशा विनम्रता से पेश आएं। उनका कभी उपहास न उड़ाएं। कभी किसी का अपमान न करें। याद रखें कि अपमान और सम्मान हमेशा ब्याज समेत वापस मिलता है। किसी को चुभते हुए शब्द ना कहें। तानें-उलाहने देने से बचें। ये शब्द ही हैं जो आपको बहोत आगे भी ले जा सकते हैं और आपको तबाह भी कर सकते हैं। इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन इंसान खुद ही है। उसका खुद का आचरण और उसका बर्ताव ही उसका मित्र है। यही उसका शत्रु है। बहुत दफा मजबूरियां होती है। न चाहते हुए भी गलत काम करने पड़ जाते हैं। फिर भी जहां तक हो सके गलत दबाव के आगे सिर मत झुकाएं। अपने स्वाभिमान से समझौता ना करें। जीवन में चार चीजें ऐसी हैं इनको चाहे जितना बढा लो या चाहे जितना घटा लो। ये हैं भय, बात, भूख और नींद। अगर आपको समय पर भूख लगती है और अच्छी नींद आती है तो आप एकदम स्वस्थ हैं। एक स्वस्थ शरीर ही आपकी सच्ची दौलत है। आपको कभी ऐसा कोई काम नहीं करना जिस से अपकी भूख खत्म हो जाए-नींद उड़ जाए। गरीब हो या अमीर हो, ईश्वर ने सबको दिन के चौबीस घंटे समान रूप से दिए हैं। ये आप ने तय करना है कि आप इस वक्त का कैसे इस्तेमाल करते हो? खुश रहने-करने में या दुखी रहने-दुख देने में वक्त बिताते हो। ईश्वर से कामना है कि ये नूतन वर्ष आप सबके जीवन में बेशुमार खुशियां लेकर आए। जो अब तक न हुआ हो वो हो जाए। आपकी तमाम इच्छाओं की तृप्ति हो जाए। इस हालात पर कहा जा सकता है: कहीं मंदिरों में दीया नहीं कहीं मस्जिदों में दुआ नहींमेरे शहर में हैं खुदा बहुत,लेकिन इंसान का कोई पता नहीं Post navigation आंदोलनरत किसानों पर दागे गए लगभग 300 अश्रु गैस के गोले, की पानी की बौछार : विद्रोही कृषि कानूनों से कोई लेना-देना नहीं : रिलायंस