-कई वर्ष से विभाग का सिर्फ एक जवाब ‘अंडर प्रोसेस’ है पदोन्नति
-लेफ्ट आऊट हिन्दी टीचर की पदोन्नति सूचि तैयार, लेकिन जारी नहीं कर रहा विभाग
-पांच वर्ष से एंटीडेटेड पदोन्नति के इंतजार में हैं सीनियर हिन्दी शिक्षक
-हिन्दी शिक्षकों ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री से मांगी एंटीडेटेड पदोन्नति
-मई 2016 में जारी हुई थी पीजीटी हिन्दी की पदोन्नति सूचि

 रमेश गोयत,  पंचकूला।

 वर्ष 2016 की पीजीटी हिन्दी की पदोन्नति सूचि में योग्यता होते हुए भी लेफ्टआउट रहे हिन्दी शिक्षकों ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को फिर पत्र लिखकर जल्द पीजीटी हिन्दी पर एंटीडेटेड पदोन्नति देने की मांग की है। विंडबना ये है कि जूनियर शिक्षक पांच वर्ष से पदोन्नति पाकर पीजीटी हिन्दी के पद पर कार्य कर रहे हैं, लेकिन सीनियर हिन्दी शिक्षक को बार-बार गुहार लगाने के बाद भी एंटीडेटेड पदोन्नति नहीं दी जा रही है।  

पदोन्नति से वंचित रहे सीनियर हिन्दी शिक्षक बजरंग लाल, नूतन देवी, सरिता, सोनिका, रामनिवास, रोशन लाल,अंजना यादव, संजीव आदि ने बताया कि 06 मई 2016 को जारी पीजीटी हिन्दी पदोन्नति सूचि में सीनीयर को छोडक़र जूनियर को पदोन्नति दे दी। लेकिन सीनीयर 5 वर्ष से पदोन्नति होने के इंतजार में हैं। बार-बार मांग उठाने के बाद भी विभाग उनको पदोन्नति नहीं दे रहा जबकि अन्य विषयों के नए पदोन्नति मामलों पर कार्य कर रहा है।

इन हिन्दी शिक्षकों ने बताया कि उन्होंने पहले शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा के सामने भी अपनी पदोन्नति से वंचित होने का मामला रखा था और वर्तमान शिक्षा मंत्री कंवर पाल  जी को भी मिलकर पदोन्नति की मांग की है। वहीं कई बार सेंकेंडरी शिक्षा निदेशक, प्रिंसीपल सके्रटरी और वर्तमान में अतिरिक्त मुख्य सचिव को भी हमारे पदोन्नति से वंचित रहने के बारे में बार-बार अवगत करा चुके हैं। उन्हें हर बार जल्द एंटीडेटेड पदोन्नति होने का आश्वासन मिलता है, लेकिन अभी तक यह पदोन्नति नहीं मिली है। सभी कई बार सुगम पोर्टल पर भी अपनी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन वहां से जवाब मिलता है कि लेफ्ट आऊट की पदोन्नति का कार्य चल रहा है। विभाग को कार्यवाही करते हुए चार वर्ष से ज्यादा हो गए लेकिन लेफ्ट आऊट हिन्दी टीचर की पदोन्नति नहीं हो रही और विभाग सिर्फ अंडर प्रोसेस का जवाब दे रहा है।

पीजीटी पदोन्नति में लेफ्ट आउट हिन्दी अध्यापकों ने फिर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, शिक्षा मंत्री कंवरपाल, सैकेंडरी शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव व निदेशक को पत्र भेजकर मांग की है कि पीजीटी हिन्दी के लेफ्ट आउट पदोन्नति सूचि को शीघ्र जारी कराएं।

यह है पूरा मामला :

शिक्षा विभाग ने 12 फरवरी 2014 को पत्र जारी कर पीजीटी पदोन्नति के लिए उन अध्यापकों के मामले भेजने के लिए कहा जो 01 जनवरी 2014 को हरियाणा स्टेट एजुकेशन स्कूल कैडर गु्रप बी सर्विस रूल-2012 के अनुसार योग्यता रखते हों। इसके बाद यही मामले पत्र क्रमांक 15/11-13 एचआरएल (4), दिनांक 19 जून 2015 व 26 जून 2015 के द्वारा भी मांगे गए। फिर 6 मई 2016 को पत्र क्रमांक : 15/18-2016 -पीजीटी-।। (3), के द्वारा पीजीटी हिन्दी की पदोन्नति सूचि जारी की गई। इस पदोन्नति सूचि में सीनियर हिन्दी अध्यापक रह गए जबकि कई जूनियर को पदोन्नति मिल गई। हालात ये है कि 2012 में ज्वाइनिंग करने  वाले हिन्दी शिक्षकों को पीजीटी हिन्दी पर पदोन्नति मिल गई और वर्ष 2000 में ज्वाइन करने वाले सीनीयर रह गए। पदोन्नति में लेफ्ट आउट ये हिन्दी शिक्षक पिछले 5 वर्ष से विभाग से बार-बार अपनी पदोन्नति की मांग कर चुके हैं, लेकिन उनका पदोन्नति का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है।

लेफ्ट आऊट का पत्र जारी, लेकिन पदोन्नति नहीं :

विभाग द्वारा पीजीटी-वन शाखा के माध्यम से 2016 की पदोन्नति सूचि में लेफ्ट आऊट रहे हिन्दी शिक्षकों के पेंडिंग केस भी 31 जुलाई, 2 सितंबर और 15 अक्तूबर 2020 को पत्र भी जारी करके मांग चुका है। सभी पेंडिंग केसों का निपटान होने के बाद इन लेफ्ट आऊट हिन्दी की पदोन्नति सूचि भी तैयार हो गई है, लेकिन इसे जारी नहीं किया जा रहा है। विभाग ने नए पदोन्नति केसों पर कार्य शूरू कर दिया है।

बोले शिक्षक, कार्य प्रणाली संदेह के घेरे में :

लेफ्टआउट हिन्दी शिक्षकों ने विभाग में 1 जनवरी 2014 को योग्यता रखने वाले लेफ्ट आउट इन हिन्दी अध्यापकों की एंटीडेटेड पदोन्नति सूचि तैयार है लेकिन इसको जारी नहीं किया जा रहा है। विभाग की कार्य प्रणाली संदेह के घेरे में है। इन शिक्षकों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा मिलीभगत के चलते जानबूझकर एंटीडेटेड पदोन्नति सूचि नहीं निकाली जा रही है। 2018 और 2019 में कुछ लेफ्टआउट हिन्दी टीचर की दो सूचियां जारी की गई जिसमें सिर्फ 12 लेफ्टआउट को ही पदोन्नति दी गई। इसमें भ्रष्टाचार का अंदेशा लग रहा है कि कुछ लोगों को ही एंटीडेटेड पदोन्नति क्यों दी गई जबकि पांच साल से लगभग 100 से ज्यादा सीनियर हिन्दी टीचर प्रमोशन से वंचित हैं। हम सभी जगह गुहार गुहार लगा चुके हैं।

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