रमेश गोयत चंडीगढ़,3 जनवरी। नववर्ष के पहले दिन बिजली वितरण निगम प्रबंधकों द्वारा हजारों जेई, यूडीसी व एलडीसी के किए आनलाइन ट्रांसफर को लेकर यूनियन व प्रबंधक आमने-सामने सामने आ गए हैं। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा से संबंधित आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन ने आनलाइन किए गए ट्रांसफर को गैर जरूरी बताते हुए इसके खिलाफ 4-5 जनवरी को प्रदेश भर में सब डिवीजन स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने और 6 जनवरी को दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के हिसार मुख्यालय पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। यूनियन का कहना है कि हर साल बड़े पैमाने पर आनलाइन ट्रांसफर करना सरकार की कोई उपलब्धि नही है, बल्कि यह कर्मचारियों का उत्पीड़न है, जिसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। निगम प्रबंधकों का कहना है कि सरकार चाहती है कि बिजली निगमों में भी आनलाइन ट्रांसफर पालिसी को लागू किया जाए। आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के चेयरमैन देवेन्द्र हुड्डा, प्रधान सुरेश राठी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव नरेश कुमार ने कोरोना आपदा के दौरान हजारों की तादाद में कर्मचारियों के किए गए आनलाइन ट्रांसफर की कड़ी निन्दा की है और तूरंत प्रभाव से ट्रांसफर पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि यूनियन के विरोध के बावजूद दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने पहली जनवरी को 114 जेई,112 यूडीसी व 314 एलडीसी और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम ने 79 यूडीसी व 336 एलडीसी के आनलाइन ट्रांसफर किए हैं। उन्होंने बताया कि बिजली निगमों में स्टाफ की भारी कमी के चलते एक एक यूडीसी व एलडीसी दो से तीन कर्मचारियों का काम कर रहे हैं। यह सब उनके उस दफ्तर में उनके अनुभव के कारण ही हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि क्लेरिकल स्टाफ कम होने के कारण तकनीकी कर्मचारी दफ्तर चला रहे हैं। जेई,यूडीसी व एलडीसी की बड़े पैमाने पर ट्रांसफर होने से निगमों का काम काज बुरी तरह प्रभावित होना लाजिमी है। उन्होंने बताया कि यूनियन ने वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों से तकनीकी विभाग होने के कारण बिजली विभाग में आनलाइन ट्रांसफर पालिसी को लागू न करने का अनुरोध किया था और निगम प्रबंधकों ने आनलाइन ट्रांसफर करने से पहले यूनियन के साथ बातचीत करने का आश्वासन दिया था। उन्होंने बताया कि जब यूनियन को आभास हुआ कि आनलाइन ट्रांसफर करने की तैयारी की जा रही है तो यूनियन ने 11 दिसंबर को विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता को पत्र लिखकर आनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया पर रोक लगाने और यूनियन से बातचीत करने की मांग की गई। उन्होंने बताया कि यूनियन ने उक्त पत्र में स्पष्ट किया था कि अगर यूनियन के अनुरोध को ठुकरा कर ट्रांसफर किए गए तो कर्मचारी इसका विरोध करेंगे। लेकिन एसीएस व निगम प्रबंधकों ने कर्मचारियों के अनुरोध को दरकिनार करते हुए नववर्ष के पहले दिन ही ट्रांसफर कर दिए। इसलिए यूनियन ने इन गैर जरूरी ट्रांसफर के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। Post navigation अमित कुमार अग्रवाल को मुख्यमंत्री का अतिरिक्त प्रधान सचिव लगाया दुश्मन देश पाकिस्तान में व्यर्थ बहने वाले सतलुज का पानी रोककर हरियाणा-राजस्थान की प्यासी भूमि की जा सकती है सिंचित – बलराज कुंडू