प्रदेश के 11 किसान संगठन बनाएंगे अपनी कमेटी, पांच जनवरी को बुलाई बैठक
चरखी दादरी जयवीर फोगाट
टिकरी बॉर्डर पर मंच के नजदीक प्रदेश अध्यक्ष किसान नेता प्रदीप धनखड़ अखिल हरियाणा न्यूनतम समर्थन मूल्य संघर्ष समिति, की अध्यक्षता में सरकार और किसान के समक्ष बातचीत पर सुझाव और लिखित प्रारूप के साथ सामूहिक लिखित प्रस्ताव पास किया गया।
प्रेस वार्ता कर संयुक्त किसान मोर्चा एवं सरकार द्वारा पूर्व निर्धारित एजेंडा, हठ, पूर्वाग्रह छोड़ कर 2 मुद्दों पर हल को लेकर प्रदेश के किसान संगठन सकारात्मक दृष्टि से देखते हैं। आगामी प्रस्तावित 4 जनवरी वार्ता में संपूर्ण फसल खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून 2021 मैं केंद्रीय मूल्य निर्धारण आयोग द्वारा सूचीबद्ध सभी 26 फसलों के बिना शर्त खरीद से कम हरियाणा के किसानों को कोई भी प्रशासनिक, पॉलिसी एवं मौके की गारंटी स्वीकार्य नहीं होगी। मंडी उपज एवं विपणन कानून का दायरा राज्य कृषि विशेष वस्तु अधिकार कानून निर्माण ( Art 254 संविधान) में केंद्र का कोई हस्तपेक्ष नहीं हो। जबकि संपूर्ण राज्य को मंडी विस्तार एवं केंद्रीय न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून प्रावधान के तहत संचालन व्यवस्था सुरक्षित की जाए। संपूर्ण खरीद के लिए पड़ने वाले वित्तीय प्रभार को विकेंद्रीकरण के आधार पर केंद्र राज्यों के साथ टैक्स जिम्मेदारी अनुपात आधार जिम्मेदारी तय की जाए। केवल 3 कानूनों में न्यूनतम समर्थन खरीद नियम तक सीमित करना व्यवहारिक होगा। उक्त कानून में MSP से प्राइवेट एवं सरकार दोनों तरह की खरीदार पर 1 से 3 वर्ष गैर जमानती संघीय अपराध श्रेणी में सूचीबद्ध किया जाए।
हरियाणा की सभी ग्राम सभा कॉर्पोरेट रिलायंस, पतंजलि, अदानी समूह, आदि का किसान विरोधी घरानों के उत्पाद, शेयर, उपकर्म कार के साथ गांव सीमा से बाहर करने के लिए प्रस्ताव संयुक्त रूप से तैयार किए जाएं। 3 मंडी व्यवस्था संबंधित कानून से पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून पर सरकार और किसानों के बीच 3 बिंदु के तौर पर लाइव ऑनलाइन बातचीत का प्रसारण किया जाए। प्रस्तावित बातचीत के दौरान अगले दिन 5.1.21 को हरियाणा के 17 किसान संगठन दोबारा रणनीति पर मीटिंग कर प्रदेश के किसानों और मीडिया के सामने हाजिर होंगे।
आज की वार्ता में सम्मिलित कोई भी किसान संगठन प्रतिनिधि संयुक्त किसान मोर्चा के आगामी बातचीत में सक्रिय भागीदारी नहीं करेगा। इसके साथ सकारात्मक बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए बैंक उपटीम की तरह हरियाना राष्ट्रीय किसान बातचीत कमेटी का समर्थन करता है और बातचीत को आगे बढ़ाने में पक्षधर है। राजेंद्र आर्या, राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय किसान मजदूर नौजवान यूनियन, धर्मपाल हरियाणा किसान यूनियन हांसी, हरियाणा संघर्ष समिति हिसार, भारतीय किसान यूनियन, रामधारी सिंह KKR गन्ना किसान संघर्ष समिति, रणधीर सिंह राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन, अधिवक्ता प्रमोद कोआर, किसान सभा आदि संगठनों ने प्रदेश को राज्य टोल से भार मुक्त करने का भी फैसला लिया।