किसान, मजदूर और आढ़ती के शोषण पर जुटी है सरकार : सुरेश गोयल

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

किसान आंदोलन का दायरा बढ़ता जा रहा है और उनके संघर्ष में सेवानिवृत्त उच्च अधिकारी भी आ जुटे हैं। आज कितलाना टोल प्लाजा पर किसानों के अनिश्चित कालीन धरने पर बापोड़ा निवासी रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सुरेश कुमार गोयल पहुंचे और अपना समर्थन देते हुए तीनों कृषि कानूनों की बारीकियों को किसानों के सामने रखा। उन्होंने विस्तार से बताया कि सरकार इन कानूनों को लागू कर क्या हासिल करना चाहती है।                   

उन्होंने कहा कि कोरोना की आड़ में लाये गए तीनों कृषि कानून किसान,मजदूर और आढ़ती को बर्बाद करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ बड़े घरानों को मालामाल करना चाहती है लेकिन जनता अब जागरूक हो गई है और ये शोषण सहन नहीं करने वाली है। इसी कारण लाखों किसान सभी वर्गों के सहयोग से दिल्ली बॉर्डर और देश भर में टोल प्लाजा पर अपनी जायज मांगों को लेकर धरने पर बैठें हैं।                   

सुरेश गोयल ने तंज कसते हुए कहा कि खुद कृषि मंत्री तीनों बिलों का पूरा नाम तक नहीं बता सकते। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के आने से मंडी के साथ आढ़ती और एमएसपी खत्म हो जाएगी। असीमित भंडारण से बड़े घराने बाजार पर कब्जा कर लेंगे और मंहगाई पर काबू पाना नामुमकिन होगा। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में बड़ी कंपनियों से करार का बड़ा नुकसान होगा और किसान उनके चंगुल से नहीं निकल पाएगा। विवाद होने पर सिर्फ एसडीएम कोर्ट में जाने का रास्ता छोड़ा है और उससे आगे अपील ही नहीं हो पाएगी। बड़े उद्योगपतियों और वकीलों के सामने आम किसान एसडीएम कोर्ट में टिक नहीं पायेगा।                 

 उन्होंने कहा कि जीएसटी, नोटबन्दी और कोरोना महामारी के बाद देश की अर्थव्यवस्था डावांडोल हो गई थी उस वक्त खेती ने 3.1 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ अर्थव्यवस्था को संभालना था। पर किसानों को उसका सिला नहीं मिला। चुनावों से पहले सत्ता पाने पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब किसानों के मन की बात सुनने तक को राजी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि खेती को सिर्फ स्वामीनाथन आयोग के सी2 फार्मूले को लागू करके बचाया जा सकता है जिसमें खेती में होने वाले तमाम खर्चे शामिल कर उसका डेढ़ गुना मुनाफा देने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि सरकार को अविलंब किसानों की मांगें पूरी करके राहत देनी चाहिए।

 संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर खाप 40 सांगवान के सचिव नरसिंह डीपीई, खाप फौगाट के सचिव सुरेश फौगाट, खाप जाटू के सचिव मास्टर राज सिंह, खाप 25 श्योराण सर्वजातीय के प्रधान बिजेंद्र बेरला, अन्नदाता किसान यूनियन के सचिव रामकुमार कादयान, चौधरी छोटूराम और अम्बेडकर मंच के संयोजक गंगाराम श्योराण व किसान सभा के सुखदेव सिंह, भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के प्रदेशाध्यक्ष जगबीर घसोला के संयुक्त संयोजन आयोजित अनिश्चित कालीन धरने के नौवें दिन वक्ताओं ने कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं और सरकार जल्दी नहीं जागी तो गंभीर परिणाम होंगे। धरने पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया।

इस मौके पर रणधीर कुंगड़, राजू मान, जोरावर सांगवान, धर्मेन्द्र छपार, दिलबाग नीमड़ी, सरपंच दलबीर गांधी, बलबीर बजाड़, वीरेंद्र किरोड़ी, सूरजभान सांगवान, रणबीर फौजी, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, प्रमोद सांगवान डोहकी, सतीश सांगवान, जयबीर मिताथल, राजमल द्वारका, राजेंद्र अजीतपुर, इन्द्रजीत सांगवान, कृष्णा सांगवान, संतोष देशवाल, मंगल सुई, शमशेर सांगवान, रविंद्र घिकाड़ा इत्यादि मौजूद थे। नौवें दिन भी टोल फ्री रहा वाहन बिना टोल चुकाए दौड़ते रहे।

सब्जी मंडी के एसोसिएशन के कार्यकारी प्रधान नितिन जांघू ने धरना स्थल पर चल रहे लंगर में दादरी सब्जी मण्डी की तरफ 650 किलो सब्जी और 100 लीटर तेल लेकर पहुंचे। नितिन जांघू ने कहा कि भविष्य में भी जब तक आंदोलन चलता रहेगा दादरी सब्जी मण्डी फल एवं सब्जियां भेजती रहेगी। इस मौके पर सब्जी मण्डी प्रधान नन्द लाल ठुकराल, रामफल सैनी पूर्व प्रधान, सुनील फौगाट, पप्पू, वेद प्रकाश चुघ, मुकेश समसपुर, अजय पुनिया, अंकित सिंगला, राजू सैनी, सुमित गोयल, दीपक जून, राकेश सिवाच, आशीष सैनी, जयप्रकाश सैनी आदि उपस्थित थे।

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