मुख्यमंत्री दमगज्जा ठोकते है कि यदि हरियाणा में फसल एमएसपी पर आंच आई तो वे राजनीति से सन्यास ले लेंगे। वहीं किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए बर्बरता की सभी हदे पार करवाते है।

1 जनवरी 2021 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने काले किसान कानूनों के विरोध में 19 दिन से शाहजहांपुर-जयसिंहपुर खेड़ा बार्डर पर दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम करके धरने पर बैठे किसानों के वीरवार को हरियाणा पुलिस के बैरिकेट तोड़कर दिल्ली की ओर कूच करने पर हरियाणा पुलिस द्वारा बर्बरता से चलाई गई लाठिया, आशु गैस गोले व भयंकर सर्दी में पानी की बौछार की कठोर आलोचना करते हुए इसे भाजपा-जजपा सरकार का किसानों के प्रति अमानवीय क्रूर व्यवहार बताया।

विद्रोही ने सवाल किया कि लोकतंत्र में अपनी मांगों के लिए विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली जाने से रोकना क्या नागरिकों के विरोध के मौलिक अधिकार पर भाजपा सरकार का डाका नही है। पंजाब से दिल्ली जा रहे किसानों पर भी नवम्बर माह में हरियाणा भाजपा सरकार ने हरसंभव बल का प्रयोग किया था, लेकिन किसानों की भारी तादाद के कारण हरियाणा पुलिस के सभी बेरिकेड व औच्छे हथकंडे असफल साबित हुए और किसान नेशनल हाईवे दिल्ली-चंडीगढ़ पर लगाये सभी अवरोधों को पार करके 26 नवम्बर को दिल्ली के सिंघु बार्डर व टीकरी बार्डर पर पहुंच गए जहां वे आज भी जमे हुए है।

विद्रोही ने कहा कि शाजहांपुर-खेडा बार्डर पर किसानों की कम तादाद होने से हरियाणा पुलिस व भाजपा सरकार लाठी, गोली के बल पर किसानों को दिल्ली जाने से रोक रही है जो सत्ता दुरूपयोग व किसान विरोध की पराकाष्ठा है। वीरवार को पुलिस बेरिकेड तोड़ते हुए दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर बर्बरतापूर्वक बल प्रयोग करने से कई किसान घायल हुए, फिर भी वे भूड़ला-संगवाडी तक पहुंचकर जयपुर-दिल्ली हाईवे जाम करके धरने पर बैठ गए। किसानों के साथ हरियाणा खट्टर सरकार का रवैया बर्बरपूर्ण आचरण है।

विद्रोही ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री दमगज्जा ठोकते है कि यदि हरियाणा में फसल एमएसपी पर आंच आई तो वे राजनीति से सन्यास ले लेंगे। वहीं किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए बर्बरता की सभी हदे पार करवाते है। विद्रोही ने दक्षिणी हरियाणा के किसानों से आग्रह किया कि सरकारी भक्ति छोडकर अपने स्वाभिमान को जागृत करे और राजस्थान की ओर से आकर जयपुर-दिल्ली हाईवे को जाम करके धरने पर बैठे किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मोदी, भाजपा व हरियाणा खट्टर सरकार की किसान विरोधी नीतियों का विरोध करके अपना किसान धर्म निभाये अन्यथा इतिहास में दक्षिणी हरियाणा के किसानों को सरकार भक्त व सरकारी पिछलग्गू के रूप में याद किया जायेगा।

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