भिवानी/मुकेश वत्स केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी को लेकर पिछले सप्ताह जारी एक नोटिफिकेशन के प्रावधानों से व्यापारी नाराज हंै। उनका कहना है कि पहले से ही नकदी का सामना कर रहे ट्रेडर्स का इससे और संकट बढ़ जाएगा। नगर व्यापार मंडल के प्रधान भानू प्रकाश शर्मा ने बताया कि इन प्रावधानों में एक महीने में 50 लाख रुपये से अधिक की बिक्री करने वाले व्यापारी को उसके पास उपलब्ध इनपुट टैक्स क्रेडिट के 99 पर्सेंट की लिमिट तय कर दिया गया है। अब सप्लायर की ओर से इनवॉयस न जमा करने पर उपलब्ध क्रेडिट के क्लेम को 10 पर्सेंट से घटाकर 5 पर्सेंट कर दिया गया है। इसके साथ ही रूल्स के तहत ई-वे बिल की वैधता की अवधि घटा दी गई है। पहले एक दिन में यह 100 किलोमीटर तक वैध था, जिसे अब बढ़ा कर 200 किलोमीटर कर दिया गया है। इससे ई वे बिल की वैधता की अवधि घट गई है। पहले यदि 600 किलोमीटर दूर माल भेजना था तो जीएसटी का ई वे बिल छह दिन के लिए वैलिड होता था। अब यह तीन दिन के लिए ही वैलिड है। शर्मा का कहना है कि इन प्रावधानों से पहले से ही नकदी की किल्लत झेल रहे व्यापारियों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के इस दौर में छोटे और मंझोले कारोबारी पहले ही बड़े नुकसान का सामना कर रहे हैं और लाखों कारोबारियों के लिए व्यापार में बने रहना भी लगातार मुश्किल हो रहा है। इसके बावजूद जीएसटी काउंसिल नियमों को और सख्त बनाकर ईमानदार व्यापारियों के लिए हालात खराब कर रही है। Post navigation देश के अन्नदाता को अकेला ना समझे सरकार: किरण चौधरी गोशाला ट्रस्ट के प्रधान व महिला के बीच 48 लाख रुपये के लेन-देन का लेकर बड़ा विवाद