कहा: मांगे माने जाने तक किसान पीछे नहीं हटेंगे

भिवानी/धामु

 हमारा दुर्भाग्य देखिए जहां पूरा विश्व नए साल के स्वागत की तैयारी कर रहा है, वहीं आंदोलन के दौरान 45 किसानों की शहादत दें हमारे देश का अन्नदाता 35 दिन से ठंड में दिल्ली के चारों और बॉर्डर पर धरना देकर अपने हकों की लड़ाई लड़ रहा है। यह बात पूर्व मंत्री किरण चौधरी ने कितलाना टोल प्लाजा पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 7 दिन से चले रहे अनिश्चित कालीन धरने पर उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को अकेला समझने की गलती ना करे। आज समाज का हर तबका किसानों के संघर्ष में उनके साथ खड़ा है। किरण चौधरी ने कहा कि तीन कृषि कानून केवल और केवल बड़े पूंजीपतियों को और धनवान बनाने के लिए लाए गए हैं। असीमित भंडारण से जमाखोरी बढ़ेगी और गरीब को रोटी, कपड़ा और मकान मिलना मुश्किल हो जाएगा। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में बड़ी कंपनियां किसान को अपने मकडज़ाल में फंसा कर्ज के दलदल में डुबो देंगी। विवाद होने पर सरकार ने एसडीएम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का प्रावधान किया है। वहां बड़ी कंपनियों से जीतना कितना दूभर है सब समझते हैं। मंडी खत्म हो जाएंगी और आढ़ती जिसे किसान का मिनी बैंक कहा जाता है घर बैठने को मजबूर हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि वो यहां राजनेता नहीं बल्कि अपने परिवार के बीच फौजी की बेटी होने के नाते आई हैं। वो राजनीति से ऊपर उठकर पूरी ताकत से किसानों के इस संघर्ष में साथ देंगी और जब तक सरकार किसानों की मांगें नहीं मान लेती उनका हर कार्यकर्ता आंदोलन में मोर्चा  जो जिम्मेदारी देगा मुस्तैदी से निभाएगा। किरण चौधरी ने कहा कि गठबंधन सरकार एसवाईएल का राग महज आंदोलन को बांटने के अलाप रही है। हकीकत ये है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा के पक्ष में आने के बाद भी मुख्यमंत्री तमाम विपक्ष के कहने के बावजूद प्रधानमंत्री से इस मुद्दे पर मिलने का समय तक नहीं ले पाए हैं। उन्होंने कहा कि पानी के समान बंटवारे के लिए बनी हांसी बुटाना नहर में अभी तक पानी नहीं छोड़ा गया है। दादुपुर नलवी नहर को पाटने से भाजपा का किसान विरोधी चेहरा उजागर हो गया

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