–कमलेश भारतीय आखिर किसान आंदोलन का असर दिखने लगा । हरियाणा के नगर निगम /निकाय चुनावों में भीसत्ताधारी भाजपा-जजपा गठबंधन को पहले जैसी जीत नहीं मिली । अम्बाला में जिस दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर नगर निगम प्रत्याशी के लिए वोट मांगने पहुंचे थे और जिस तरह उनके काफिले को काले झंडे दिखाये गये थे और बाद में कारों पर डंडे बारे गये थे , निगम मेयर के चुनाव का फैसला उसी दिन हो गया था पर दीवाल पर लिखी इबारत कोई नहीं पढ़ता । फिर अनिल विज भी मेदांता भर्ती हो गये । अब परिणाम आने के बाद पता कि इस क्षेत्र में पूर्व मंत्री विनोद शर्मा का प्रभाव है । सैलजा अपना संसदीय क्षेत्र होने के बावजूद यहां कांग्रेस प्रत्याशी को जिता नहीं पाईं और पंचकूला की पूर्व निगम मेयर चुनाव हार गयीं । इस तरह सैलजा की दोनों पसंद चुनाव में चित्त हो गयीं । यह संकेत है । इसीलिए पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के विधानसभा में विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि यदि प्रचार के लिए बुला लिया होता तो यहां भी परिणाम कुछ और हो सकते थे । यहां कांग्रेस में गुटबाजी की बात करना बेकार है । सोनीपत में हुड्डा के प्रत्याशी ने मैदान जीत लिया और वो भी भारी मतों से । शानदार जीत । उकलाना में जजपा को लगा धक्का । रेवाड़ी में अजय यादव व चिंरजीत यादव भी अपना प्रभाव न दिखा पाये । तीनों पालिकाओं में निर्दलीय बने चेयरमैन । इस तरह यह किसान आंदोलन का असर सामने आने लगा है । हरियाणा सरकार के लिए खतरे की घंटी है । अभी बरोदा उपचुना की हार भूले नहीं कि यह नयी हार सामने आ खड़ी हुई । भाजपा के नये प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ को तो जैसे सिर मुंडाते ही ओले पड़े । सब बयानबाज़ी फिस्स । जीत के दावे फिस्स । अब कहे जाओ कि हमारा प्रदर्शन बढ़िया रहा । कौन मानेगा और कौन सुनेगा? अब चिंतन मनन का दौर चलाओ । कांग्रेस भी गुटबाजी से ऊपर उठे और भाजपा भी अहंकार छोड़ नीचे उतरे और जमीनी हकीकत पहचानने की कोशिश करे । जजपा को तो किसान आंदोलन की नज़र लग गयी । इधर फिर एक मैराथन वार्ता हुई सरकार और किसानों के बीच । कुछ कुछ होने लगा है असर किसान आंदोलन का । सरकार कुछ कुछ इरादे बदलने लगी पर मुख्य तीन कानूनों पर अभी अडिग खड़ी । इसलिए गुरुद्वारे के लंगर को मि बांट के छक लिया। यह अच्छा किया । रोहतक में फिर ऑनर किलिंग ने हरियाणा को कलंकित किया । कितनी ऑनरकिलिंग और होंगी ? बस करो यारो । कहते हैं कि प्रेम को रोकने के लिए यह तरीका ठीक नहीं । Post navigation फास्टैग (FASTag) की डेडलाइन को लेकर राहत कानून के रद्द करने के विकल्प की सरकार की अपील असंभव