रेवाड़ी, 27 दिसम्बर 2020 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने अम्बाला, पंचकूला, सोनीपत नगर निगम व रेवाडी नगर परिषद सहित प्रदेश के विभिन्न नगर निकाय चुनाव शांतिर्पूण ढंग से पूरे होने व शहरी मतदाताओं के भारी उत्साह के साथ इन चुनावों में भाग लेने पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी सम्बन्धित पक्षों को बधाई दी। विद्रोही ने कहा कि बरोदा विधानसभा उपचुनाव के बाद नगर निकाय चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इन चुनाव परिणामों से हरियाणा के शहरी मतदाताओं का वर्तमान भाजपा खट्टर सरकार के प्रति क्या रूख है, इसका पता चलेगा। वहीं मतदाता यह भी तय करेगा कि शहरी विकास के लिए वह किस तरह के निकाय प्रतिनिधियों का चयन करता है। हरियाणा में भाजपा तो पहले भी नगर निकाय चुनाव अपने पार्टी निशान पर लड़ती रही है। लेकिन कांग्रेस ने पहली बार पार्टी चुनाव चिन्ह पर नगर निगम अध्यक्षों व पार्षदों के चुनाव लड़े है। वहीं रेवाडी नगर परिषद में केवल अध्यक्ष पद का चुनाव कांग्रेस ने अपने निशान पर लड़ा है। विद्रोही ने कहा कि पार्टी चुनाव चिन्ह पर नगर निकाय चुनाव लडने का कांग्रेस का पहला प्रयास है, क्या परिणाम देता है यह 30 दिसम्बर को मतगणना के दिन ही पता चल पायेगा। हालांकि मतदाता ने अपना निर्णय ईवीएम में कैद कर दिया है। इन चुनावों में प्रचार के समय आपसी भाईचारा बना रहा और कहीं भी कोई अप्रिय विवाद न होना प्रदेश के लिए अच्छा संकेत है। चुनावों के बाद भी शहरी मतदाताओं में ऐसा ही भाईचारा बना रहेगा। कुछ राजनीतिक नेता हर चुनाव में जातिय व साम्प्रदायिक धु्रवीकरण से बाज नही आते, यह भी इन चुनाव ने साबित कर दिया। विद्रोही ने कहा कि सत्तारूढ़ दल भाजपा के बड़े नेताओं ने नगर निकाय चुनाव में स्थानीय मुद्दों पर जोर देने की बजाय भावनात्मक मुद्दे व कांग्रेस के प्रति नकारात्मक प्रचार करके एकबार फिर साबित कर दिया कि भाजपा अपनी उपलब्धि के बल पर चुनाव प्रचार करने से भागती है क्योंकि उपलब्धि के नाम पर उसके पास बताने के लिए कुछ नही है। कांग्रेस का चुनावी फोकस स्थानीय मुद्दे, जनसमस्याएं व जन विकास रहा। विद्रोही ने कहा कि सभी पक्षों को सुनने के बाद मतदाता ने क्या निर्णय किया है, यह तो 30 दिसम्बर को ही पता चलेगा। Post navigation शहीद उद्यम सिंह भारत के आजादी के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज विगत 135 वर्षो में कांग्रेस भारतीय राजनीति व समाज की प्रमुख धुरी रही है : विद्रोही