चण्डीगढ,27दिसम्बर:-हरियाणा रोङवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान दलबीर किरमारा,वरिष्ठ राज्य उप-प्रधान बलवान सिंह दोदवा, महासचिव आजाद गिल,उप-महासचिव जगदीप लाठर,कैशियर सुभाष विश्नोई,आडिटर विमल शर्मा व चेयरमैन सुरेश लाठर ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए बताया कि प्रदेश में चालू किलोमीटर स्कीम की बसें प्रदेश की जनता के लिए अभिशाप साबित हुई है। किलोमीटर स्कीम पर चलने वाली कोई न कोई बस हर रोज
दुर्घटनाग्रस्त हो रही है तथा जानमाल का नुकसान हो रहा है। ऐसा करके सरकार प्रदेश की जनता के जीवन के साथ घोर खिलवाड़ कर रही है।

किरमारा,दोदवा व गिल ने बताया कि हरियाणा सरकार ने किलोमीटर स्कीम की बसें यह कहकर चलाई थी कि इन बसों को चलाने वाले चालकों का बाकायदा विभागीय अधिकारियों द्वारा पुरी प्रकिया के तहत टैस्ट लिया जायेगा तथा जो भी चालक टैस्ट में पास होगा उसी चालक को बस चलाने की अनुमति प्रदान की जाएगी लेकिन सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया तथा निजी संचालकों को अपनी मर्जी से चालक रखने की खुली छूट दे दी। निजी संचालकों ने अपनी जेब भरने के लिए ट्रेंड चालकों की बजाय नौसिखीये व अनट्रैंड चालकों को कम वेतन पर रखकर जनता को मरने पर
मजबूर कर दिया है। लगातार दुर्घटना होने के बाद भी सरकार मुकदर्शक बनी हुई है तथा परिवहन के आला अधिकारी इस पर कोई संज्ञान नहीं ले रहे। दुर्घटना होने के भय से किलोमीटर स्कीम की बसों में यात्री भी बहुत कम बैठते हैं जिसके कारण विभाग को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसके बावजूद भी रोङवेज की बसें डिपुओं में खङी धुल फांक रही हैं तथा किलोमीटर स्कीम की बसों को अहमियत देकर लम्बे मार्गों पर चलाया जा रहा है जबकि आज की हालात को देखते हुए अभी तक एक भी निजी बस को चलाने की कोई जरूरत नहीं है।

उन्होंने बताया कि सरकार ने किलोमीटर स्कीम निति पर एग्रीमेंट करते समय निजी संचालकों को अपनी बसों के आगे-पीछे लाल पट्टी लगाने के आदेश जारी किये थे ताकि रोङवेज व किलोमीटर स्कीम की बसों की अलग से पहचान हो सके। लेकिन अब निजी संचालकों ने परिवहन के आला अधिकारियों के इशारे पर इन पट्टियों को उतारना शुरू कर दिया है ताकि जनता को रोङवेज व किलोमीटर स्कीम की बसों में फर्क नजर न आये। दुर्घटना किलोमीटर स्कीम की बसें कर रही हैं तथा बदनामी हरियाणा रोङवेज की हो रही है। इसलिए युनियन मांग करती है कि एग्रीमेंट में हुई हिदायतों अनुसार विभागीय टैस्ट पास करने वाले चालकों को ही किलोमीटर स्कीम की बसें चलाने की अनुमति प्रदान की जाये तथा उतारि गई लाल पट्टी को दोबारा से लगाने के आदेश जारी किये जायें ताकि रोङवेज व निजी बसों में पहचान हो सके।

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