पंचकूला निगम चुनाव में गांव कॉलोनी भारी पड़ सकते हैं भाजपा पर

धर्मपाल वर्मा

पंचकूला – पंचकूला नगर निगम चुनाव में मेयर का चुनाव बहुत कांटे का हो गया है और बिल्कुल सीधे चुनाव की स्थिति है । एक और कांग्रेस है तो दूसरी तरफ भाजपा जननायक जनता पार्टी गठबंधन । परस्पर समझौते के दृष्टिगत गठबंधन से पार्षद के चुनाव में 5 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं तो शेष 15 पर भारतीय जनता पार्टी।

दोनों पक्ष अपनी अपनी जीत पक्की मानकर चल रहे हैं मुख्य मुद्दा है मेयर कौन होगा ।भाजपा के कुलभूषण या कांग्रेस की श्रीमती उपिंदर कौर अहलूवालिया जो पंचकूला नगर निगम की पहली और निवर्तमान मेयर हैं।

सप्ताह भर के चुनाव प्रचार के बाद जो स्थिति सामने आई है उसमें दो चीजें साफ नजर आ रही हैं । एक यह कि गांव और कॉलोनियों के वार्डों में कॉन्ग्रेस ड्राइविंग सीट पर नजर आ रही है और शहर की सीटों में भी वह कई जगह सुखद स्थिति में है तो कहीं मुकाबले में। पंचकूला में बेशक अग्रवाल समाज के मतदाताओं की संख्या अन्य किसी एक समुदाय से ज्यादा है और भाजपा के उम्मीदवार कुलभूषण कोयल भी इसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं परंतु इस चुनाव में जात पात धर्म मजहब उम्मीदवार की पहचान और छवि के आगे गौण नजर आ रहे हैं।

एक अध्ययन से पता चला है कि कांग्रेस की उम्मीदवार को कई ऐसी चीजों का लाभ मिल रहा है जो शायद भाजपा के उम्मीदवार को उतना न मिल पाए ।कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार ग्रामीण अंचल में काफी आगे नजर आ रही है इसके अलावा कॉलोनियों आदि में भी उनका दबदबा देखा गया है। अभी चुनाव प्रचार में 2 दिन और शेष हैं इसलिए जानकार यह मानकर चल रहे हैं कि अगले दो दिनों में पंचकूला जैसे शहर में भी किसान आंदोलन का असर नजर आने लगेगा। उम्मीदवार श्रीमती उपेंद्र आहलूवालिया को कई और लाभ भी मिल रहे हैं । उन्हें इनेलो के वोट बैंक की स्पोर्ट घर बैठे मिल रही है दूसरे उन्हें महिलाओं की ज्यादा वोट मिल सकती हैं।

शायद भारतीय जनता पार्टी को यह समझ आ गया होगा कि गांव और कॉलोनियों से कांग्रेस को अपेक्षा से ज्यादा समर्थन मिल गया मतलब यह लीड ज्यादा हो गई तो फिर उसे जीतने से कोई रोक नहीं पायेगा मतलब भाजपा और जेजेपी को हार का मुंह देखना पड़ जाएगा ।

जहां तक किसान आंदोलन का सवाल है उसका सबसे ज्यादा असर सोनीपत पर उसके बाद अंबाला पर और अंत में पंचकूला पर भी पड़ने वाला है लोग अंदरूनी तौर पर भाजपा से नाराज दिखाई दे रहे हैं ।भाजपा के प्रति यह नकारात्मकता कांग्रेस के काम आ सकती है जानकार यह मानकर चलने लगे हैं कि आखिर चुनाव तो उपिदर कौर वालिया ही जीतेगी ।समय कम है इतने थोड़े समय में भारतीय जनता पार्टी प्रयास करके भी गांव और कॉलोनियों में कांग्रेस के असर को समाप्त नहीं कर पाएगी इसलिए बहुत लोग यह मानने लगे हैं कि भाजपा के लिए यह चुनाव कठिन हो सकता है । और गांव और बस्तियों में कॉलोनियों में अंदाज अनुमान से अधिक मतदान हो गया तो फिर भारतीय जनता पार्टी मतदान से पहले ही बैकफुट पर आ जाएगी। आज भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और प्रवक्ता रंजीता मेहता को भारतीय जनता पार्टी में शामिल कर यहां के राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है. यहां पूरे पंचकूला में यह चर्चा आम हो गई है कि भारतीय जनता पार्टी में चुनाव के अंतिम दौर में अपने सारे प्रयास तेज कर दिए हैं और ऐसा लगता है कि पंचकूला में भाजपा कमल खिलाने की कोशिश में अपने सारे ब्रह्म अस्त्र पैने कर रही है ।

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