महिला एवं बाल विकास विभाग ने गांव निनाण में 180 घरों के बाहर लगाई बेटियों के नाम से नेमप्लेट

भिवानी/शशी कौशिक  

बेटों को ही परिवार का कुल-दीपक मानने वाली सोच अब बदल गई है। अब बेटियां भी घर का चिराग बन रही हैं। भिवानी से करीब पांच किमी दूरी पर स्थित गांव निनाण को बेटियों के नाम से पहचान मिली है।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने गांव में 180 घरों के बाहर बेटियों के नाम की नेमप्लेट लगाई हैं। अपने नाम की नेमप्लेट लगने से बेटियों के साथ-साथ उनके माता-पिता भी गदगद हैं। उल्लेखनीय है कि लड़कियों के प्रति समाज की पुरानी सोच बदलने व कन्या भू्रण हत्या को जड़मूल से समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने 22 जनवरी 2015  को पानीपत से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी।

प्रधानमंत्री के आह्वान पर देशभर में बेटियों को सबल बनाने के लिए अनेक शहर व ग्रामीण अंचल में अभियान चलाए गए। हरियाणा प्रदेश में भी जागरूकता अभियान चलाए गए, जिसके बड़े ही रचनात्मक परिणाम सामने आए। एक तरफ जहां लिंगानुपात में गुणात्मक सुधार हुआ है, वहीं दूसरी ओर बेटियां हर क्षेत्र में आगे आने लगी हंै। बेटों को परिवार का कुल-दीपक मानने वाली धारणा बदलती जा रही है। बेटियों को परिवार व समाज में बेटों के बराबर दर्जा मिल रहा है।