24 दिसम्बर 2020 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि मनेठी एम्स के नाम पर हरियाणा भाजपा सरकार, स्थानीय सांसद, विधायक दक्षिणी हरियाणा को विगत साढ़े पांच साल से भावनात्मक रूप से ठग रहे है, पर एम्स निर्माण का मुद्दा वहीं का वहीं खड़ा है। विद्रोही ने कहा कि मनेठी एम्स बनाने की घोषणा के बाद तीन साल तक तो हरियाणा खट्टर सरकार इसे जुमला मानकर ठंडे बस्ते में डाले रही। जब इसे लेकर दक्षिणी हरियाणा में रोष पनपा व लोकसभा-विधानसभा चुनाव सिर पर आ गए, तब लोगों की वोट हडपने के लिए ठंडे बस्ते में डाला हुआ एम्स का मुद्दा भाजपा सरकार ने फिर बाहर निकालकर 28 फरवरी 2019 की केन्द्रीय मंत्रीमंडल की बैठक में मनेठी एम्स को मंजूरी दी। पर मंजूरी मिलने के बाद लोकसभा चुनाव खत्म होते ही जमीन को पर्यावरणीय अनुमति न मिलने के नाम पर यह फिर लटक गया।
विगत डेढ़ साल से मनेठी एम्स जमीन मुद्दे को भाजपा ने फुटबाल बनाकर मन चाही किक मारकर इधर-उधर फेंककर एम्स मुद्दे को लटकाये हुए है। विद्रोही ने कहा कि जमीन देने के नाम पर पोर्टल-पोर्टल का खेल खेला गया, पर जब इस खेल में भी मनेठी-माजरा के किसानों ने मुख्यमंत्री खट्टर व भाजपा सरकार को मात देकर माजरा की 350 एकड़ जमीन पोर्टल पर किसानों ने एम्स निर्माण के लिए दे दी तो फिर दी जाने वाली जमीन मुआवजे को खट्टर जी ने फुटबाल बनाकर मनमानी किक मारनी शुरू कर दी। अब विगत छह माह से माजरा द्वारा दी गई एम्स की जमीन को मुआवजे के नाम पर व्यर्थ का विवाद बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री खट्टर जमीन मुआवजे के संदर्भ में गोल-मोल जवाब देकर एम्स मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालने की रणनीति पर चल रहे है।
स्थानीय सांसद व केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह एम्स पर ठोस कदम उठाने की बजाय इधर-उधर के दावे करके अपना समय पास कर रहे है। स्थानीय विधायक व खट्टर सरकार के मंत्री डा0 बनवारी लाल जी खट्टर द्वारा रटाई तोता रटैल में व्यस्त है। पर एम्स बनेगा भी या नही, यह न कोई बताने को तैयार है और न ही इस पर कोई ठोस कदम भाजपा सरकार लेने को तैयार है। विद्रोही ने हरियाणा भाजपा खट्टर सरकार व केन्द्र की मोदी सरकार से मांग की कि मनेठी एम्स को लोगों को भावनात्मक रूप सेे ठगकर वोट बैंक की राजनीति करने की बजाय सभी तकनीकी बाधाओं को दूर कर जमीन अधिग्रहण करके एम्स निर्माण शुरू करके भाजपा सरकार अपनी कथनी और करनी को एक करके दिखाये।