भिवानी/शशी कौशिक

सभ्य समाज हरियाणा के अध्यक्ष धर्मेन्द्र जांगिड़ का कहना है कि आदमी धर्म से जितना दूर होगा उतना ही दुविधाग्रस्त हो जाएगा। आज के भौतिकवादी युग में मनुष्य के दुख्री होने का बड़ा कारण यही है कि मनुष्य सांसारिक चकाचौंध में खोकर धर्म से परे होता चला जा रहा है। अध्यक्ष धमेन्द्र जांगिड़ ने कहा है कि धर्म ही मनुष्य को नैतिकता, सदभावना और राष्ट्रभक्ति सिखाता है। लेकिन अफसोस है कि अब धर्म के नाम पर राजनीति और सौदेबाजी हो रही है। राजनैतिक हित साधने के लिए राजनेता धर्म का सहारा ले रहे हैं, जो निंदनीय और अनैतिक है।

उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना के नाम पर धर्म के साथ शर्मनाक मजाक किया जा रहा है। यहां तक की भगवान और भक्तों के बीच में भी तीन शीशों की दिवार ला खड़ी की दी है। लेकिन विशिष्ट व्यक्तियों को इन शीशों की दिवार से परे रखा गया है। समाज के अध्यक्ष ने एक बड़ा सवाल उठाया है कि कोरोना महामारी के वायरस क्या विशिष्ट व्यक्तियों पर असर नहीं करते? उन्होंने इस प्रक्रिया को भक्तों की भावनाओं से खिलावाड़ बताया है। उन्होंने मांग की है कि महामारी को नियंत्रित करने के लिए शीशों की बजाय उचित दूरी दर्शनों के लिए रखी जाए।

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