अन्नदाताओं की अनदेखी सरकार को पड़ेगी भारी : राजू मान

धारा 144 तोड़कर गांव लाड के बस स्टॉप पर किसानों का अनशन

चरखी दादरी/बाढड़ा जयवीर फोगाट

किसान देश का अन्नदाता है और उनकी अनदेखी सरकार को भारी पड़ेगी। यह बात किसान नेता राजू मान ने आज किसान संयुक्त मोर्चा के निर्देशानुसार लाड गांव के बस स्टॉप पर बुजुर्ग किसान रघुनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित किसानों के क्रमिक अनशन को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कड़कड़ाती ठंड में 26 दिन से दिल्ली के चारो और लाखों किसान धरने पर बैठे हैं पर सरकार सत्ता के नशे में चूर बात उनकी मांगे मानने को तैयार नहीं है।

न्होंने कहा कि किसान आंदोलन में 3 दर्जन से ज्यादा किसान शहादत दे चुके हैं। उसके बावजूद किसान शांतिपूर्ण ढंग से अपनी जायज मांगों के लिए आंदोलन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात तो कह लेते हैं पर किसानों की बात सुनने को राजी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को पहल करके खुद आगे आना चाहिए और इस मसले को अविलंब सुलझाना चाहिए।

  मान ने कहा कि मोदी सरकार अपने मित्र पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए कोरोना महामारी की आड़ में ये तीन कृषि कानून लेकर आई है। इनकी असलियत आम आदमी समझ गया है। यही वजह है कि किसान संगठनों के आह्वान पर अभूतपूर्व भारत बंद हुआ। सरकार को राजहठ छोड़ तीनों कृषि कानून रद्द कर देने चाहिए वरना मामला और गंभीर हो सकता है।

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को बांटने के लिए एसवाईएल के नाम पर ड्रामा कर रही है। प्रदेश भर में भाजपा की इस नौटंकी का किसानों ने डटकर विरोध किया। सरकार की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विपक्षी दलों के आग्रह के बावजूद मुख्यमंत्री 6 साल से इस मसले पर प्रधानमंत्री से मिलने का समय नहीं ले पाए हैं।         

धारा 144 को तोड़कर अनशन पर बैठे किसानों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए अपना विरोध जताया। इस मौके पर पूर्व सरपंच महाबीर, सरपंच सुभाष,  वेद बलोदा, सतबीर सिंह, सज्जन सिंह, ईश्वर मान, मुख्तयार मान, पूर्व सरपंच कृष्ण, महाराम पूनियां, रोहताश मान, रामपाल शर्मा, धर्मचन्द शर्मा, ओमप्रकाश मान, समुन्द्र सिंह, सुभाषचन्द्र, सूरजभान, दिनेश शर्मा, मनीराम, जगदेव सिंह, राजकुमार, श्योपाल, श्योराम, छाजूराम, रमेश कुमार, नवीन मान, कृष्ण प्रजापत, भूपसिंह, जयकरण मान, ईश्वर सिंह, अजय कुमार समेत अनेक ग्रामीण मौजूद थे।

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