भिवानी/मुकेश वत्स भिवानी का ईएसआई अस्पताल इन दिनों स्वयं बीमार है। इसका कारण यहां चिकित्सक स्टाफ की कमी है। अस्पताल में अनेक महत्वपूर्ण चिकित्सकों के पद रिक्त पड़ें हुए हैं। जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। श्रमिकों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य को लेकर हरियाणा सरकार द्वारा ईएसआई अस्पतालों की स्थापना की हुई है। इस ईएसआई अस्पताल से लगभग 30 हजार श्रमिक जुड़े हुए हैं। लेकिन पिछले काफी समय से यह अस्पताल चिकित्सकों की कमी झेल रहा है। अस्पताल में मेडिशन, सर्जरी, गायनोलोजिस्ट, बाल रोग विशेषज्ञ, छाती व क्षय रोग विशेषज्ञ, दंत रोग चिकित्सक, चर्म रोग विशेषज्ञ व एनेस्थिया विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं। गत 24 अक्टूबर को छाती व क्षय रोग विशेषज्ञ, दंत रोग चिकित्सक को रिलिव कर लिया। यहां पर डिस्पेंसरियों से मरीज रैफर हो कर आते हैं लेकिन विशेषज्ञों की कमी के चलते उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ता है। मजबूरीवश इन मरीजों को या तो सरकारी अस्पताल में जाना पड़ता है या फिर निजी अस्पतालों में महंगे दामों पर अपना उपचार करवाना पड़ रहा है। ईएसआई अस्पताल में केवल हड्डी रोग विशेषज्ञ, अल्ट्रासाउंड व पैथोलोजी के चिकित्सक ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं। प्रदेश सरकार के श्रमिकों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के दावे यहां पर मुहं चिढ़ा रहे हैं। ईएसआई अस्पताल के सिविल सर्जन डाक्टर राकेश शर्मा से जब इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि ईएसआई अस्पताल में स्वीकृत पदों पर चिकित्सकों की कमी के बारे में पत्राचार किया गया है। उम्मीद है कि सरकार इन पदों पर शीघ्र ही चिकित्सकों की तैनाती करेगी। Post navigation किला मैदान में श्रद्धांजलि सभा के लिए उमड़ा किसानों का जनसैलाब किसानों के समर्थन में धरने पर बैठै छोटूराम विचार मंच के पदाधिकारी