किसानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी चरखी दादरी जयवीर फोगाट, आंदोलन के दौरान शहादत देने वाले किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। यह बात सयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर स्थानीय किला मैदान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता करते हुए फौगाट खाप के प्रधान बलवंत नंबरदार ने कही। उन्होंने कहा कि 2 दर्जन से ज्यादा किसानों ने खेत और खेती बचाने के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए जिसे भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के लिए मोर्चा जो भी आदेश देगा उसका कड़ाई से पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सब खापों की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हर रोज बॉर्डर पर अलग अलग गांवों से किसानों को भेजें। खाप 40 के प्रधान और दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा कि सरकार एसवाईएल के नाम पर किसानों को बांटना चाहती है पर उसमें कामयाब नहीं होने होगी। उन्होंने कहा कि सरकार वास्तव में एसवाईएल को लेकर गंभीर है तो पहले पानी के बंटवारे के लिए बने ट्रिब्यूनल का पूरा गठन करे जो बिना सदस्यों के कमरे तक सीमित हो कर रह गया है। जहां तक नहर के निर्माण की बात है 2016 में उसको लेकर फैसला आ गया था पर जिस विभाग की जिम्मेदारी थी उसने हाथ खड़े कर दिया। आज तक किसी अन्य विभाग या कंपनी को काम नहीं सौंपा गया। सरकार इस मुद्दे पर कतई गंभीर नहीं है। आज भाजपा महज लोगों को बांटने और गुमराह करने के लिए उपवास का ढोंग रच रहे है पर जनता इनकी असलियत जान चुकी है। पूर्व विधायक जगजीत सांगवान ने कहा कि किसान आंदोलन अब जन आंदोलन बन गया है और हर वर्ग समर्थन में आ खड़ा हुआ है। खाप 25 के प्रधान बिजेंद्र बेरला ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं पर सरकार तानाशाही कर रही है जिसे सहन नहीं किया जाएगा। चिड़िया खाप से राजबीर शास्त्री ने कहा कि तीन कृषि कानून रद्द होने तक किसानों का संघर्ष जारी रहेगा। किसान नेता राजू मान ने शहादत देने वाले किसानों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद दादरी की पुरानी अनाज मंडी में हुई डकैती और गोली कांड की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस सिर्फ किसानों की प्रताड़ना और सत्ताधारियों के संरक्षण में जुटी है। उन्होंने कहा कि किसानों के इस आंदोलन में व्यापारियों ने भरपूर साथ दिया है। ऐसे में अगर पुलिस ने इस घटना में संलिप्त अपराधियों को जल्द नहीं पकड़ा तो किसान व्यापार मंडल के साथ उतर आंदोलन करेंगे। कांग्रेस नेता बलजीत फौगाट और अजीत फौगाट ने कहा कि सरकार को आंदोलनकारी किसानों से जल्द बात कर इस मसले को सुलझाना चाहिए। इंटक नेता सुशील धानक ने कहा कि तीन कृषि कानूनों का व्यापक असर पड़ेगा और गरीब वर्ग पर बड़ी मार पड़ेगी। इस मौके पर इनेलो नेता सत्यवान शास्त्री, रिटायर्ड हेडमास्टर प्रभुराम गोदारा, प्रोफेसर राजेंद्र डोहकी, अधिवक्ता वीरेंद्र डूडी, जोरावर सांगवान, भाकियू नेता जगबीर घसोला, डॉ विजय सांगवान मंदोला, सुनिल कादयान, धर्मेन्द्र छपार, प्रीतम चेयरमैन, सूरजभान सांगवान, सज्जन सिंह, शमशेर फौगाट, कमलेश भैरवी, कर्मचारी नेता राजकुमार घिकाड़ा, कृष्ण फौगाट, सरपंच दलबीर गांधी, कमल सिंह मांढी, हंसराज फौगाट, नितिन जांघू, वाईस चैयरमैन बबलू श्योराण, पार्षद कुलदीप गांधी, प्रेम अचीना, मीर सिंह जेवली, विद्यानंद हंसावास, सुरेश फौगाट, इंद्र राणा, योगी फौगाट, जयसिंह खातीवास समेत विभिन्न किसान, सामाजिक व कर्मचारी संगठनों के गणमान्य मौजूद थे। मंच संचालन खाप 40 सांगवान के सचिव नरसिंह डीपीई ने किया। Post navigation शिक्षा बोर्ड द्वारा राष्ट्रीय मीन्स कम-मेरिट स्कॉलरशिप परीक्षा का करवाया गया सफल आयोजन ईएसआई अस्पताल में दर्जन भर चिकित्सकों के पद रिक्त, मरीज परेशान