–इओ एवं सचिव ने मौके पर ही की टाइलों की विडियोग्राफी और खरीददारों से पूछताछ
–लोगों ने कहा कि नाले की साइट पर काम कर रहे ठेकेदार ने खुद बेची है टाइलों की ट्रालियां

नारनौल, (रामचंंद्र सैनी): निर्माणाधीन छलक नाले के साथ पुराने रोड की टाइल बेचने का मामला गरमा गया है। ठेकेदार द्वारा इन टाइलों को अपने स्तर पर ही कोडियों के भाव में बेचने का खुलासा होने का समाचार प्रमुखता से छपने के बाद शनिवार को सरकारी अवकाश होने के बावजूद भी तुरंत प्रभाव से नप के कार्यकारी अधिकारी केके यादव ने संज्ञान लिया। कार्यकारी अधिकारी केके यादव के साथ नप के सचिव अनिल कुमार व अन्य कर्मचारियों की टीम ने भूप कालोनी व आसपास के करीब एक दर्जन स्थानों पर छापेमारी की। जहां उन्हें कई घरों में भारी मात्रा में टाइले मिली। इओ व सचिव ने सभी की विडियो ग्राफिंग की और लोगों ने पूछताछ की।

नप के अधिकारियों को लोगों ने बताया कि उन्होंने टाइले नाले का निर्माण कर रहे ठेकेदार से खरीदी है ना कि चोरी की है। उन्होंने यह भी बताया कि नाले की साइट पर काम करने वाले कारिंदों ने खुद की ट्रालियां में ही उनके घर व प्लाटों तक यह टाइल पहुंचवाई है। ऐसी स्थिति में उन्हें क्या पता था कि ठेकेदार उन लोगों को जो टाइले बेच रहा है वो उसे नगर परिषद में जमा करवानी थी या फिर उसे मलबे के ढेर में डालनी थी।

सरकारी माल चोरी से बेचना और खरीदना गलत, कार्रवाई होगी:-इओ

इस बारे में नगर परिषद के इओ केके यादव ने बताया कि शहर में जहां पर पुराने टाइलों के रोड उखाड़े जा रहे हैं, वहां की पुरानी टाइलें नगर परिषद की अमानत है। यदि कोई ठेकेदार उसे चोरी चुपके बेचता है तो कानून अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए चोरी चुपके से नगर परिषद का सरकारी माल खरीदना भी गलत है। इसलिए इस मामले में दोनों ही पक्षों पर कार्रवाई बनती है। इओ केके यादव ने यह भी कहा कि शहर में और भी स्थानों पर इस प्रकार टाइले लोगों द्वारा घरों में रखने और खरीदने की शिकायतें मिली है। जिनकी जांच शुरू की जाएगी और नप की टाइले साबित होने वालों के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा।

लोगों की बजाय नप अधिकारियों पर हो कार्रवाई: गांधी

मोहल्ला भूपकालोनी व सलामपुरा में नप टीम द्वारा की गई छापेमारी मामले में युवा कांग्रेस के  मीडिया प्रभारी लोकेश उर्फ गांधी ने नप के इओ केके यादव से बातचीत की। उन्होंने कहा कि इस मामले में आम लोगों की बजाय नप के एमई, जेई और ठेकेदारोंकी मिलीभगत है। उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह छलक नाले के साथ सडक निर्माण पर सडक लेवल पर हुए एक विवाद के दौरान मौके पर खुद नप के एमई सोहनलाल ने स्वीकार किया था कि पुरानी टाइले नगर परिषद की गौशाला में डलवाई जा रही है। इसके बाद भी ठेकेदार उस साइट से चंद मीटरों की दूरी पर टाइलों की ट्रालियां लोगों का बेचता है तो लोगों का कोई कसूर नहीं है। कांग्रेसी नेता ने कहा है कि इस मामले में नप अधिकारियों को केवल नप के तकनीकी अधिकारियों व ठेकेदार के खिलाफ ही कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, जिनकी बिना मिलीभगत के यह सब संभव नहीं हो सकता।

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