हाई कोर्ट ने लगाई हरियाणा सरकार को फटकार

शिक्षा नियम 158ए में 23 दिसंबर तक देना होगा जवाब

-न्यायालय के आदेशों की अवमानना पर खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा, सरकार को 23 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने के  दिए आदेश  -हरियाणा स्कूल एजुकेशन रूल 158ए को सही ढंग से लागू नहीं करने पर स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने लगाई थी हाईकोर्ट में गुहार

भिवानी, 14 दिसंबर। हरियाणा शिक्षा नियमावली 2003 के शिक्षा नियम 158ए में संशोधन मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने आदेशों की अवमानना मामले में सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार को 23 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने प्रदेश भर के 8600 निजी स्कूलों में हरियाणा शिक्षा नियमावली के शिक्षा नियम 158ए के तहत फीस संबंधी मामलों का निपटान नहीं करने पर एफएफआरसी पर ही गंभीर सवाल उठाए थे। 

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से 28 जुलाई 2020 को हाईकोर्ट में निजी स्कूलों में एनुअल चार्ज व फीस संबंधी मामलों एवं  शिक्षा नियम 158ए में संशोधन को लेकर एक याचिका लगाई थी। उसी दिन हाई कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को इस मामले में 28 दिन के अंदर एक्शन लेने के आदेश दिए थे। लेकिन हाई कोर्ट के इन आदेशों के बावजूद भी सरकार ने शिक्षा नियम 158ए में संशोधन को लेकर कोई संज्ञान नहीं लिया। इसी मामले में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने न्यायालय के आदेशों की अवमानना को लेकर फिर से अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल द्वारा 11 दिसंबर को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

संगठन ने हरियाणा स्कूली शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव महावीर सिंह व सेकेंडरी निदेशालय के डॉयरेक्टर जीगणेशन के खिलाफ न्यायालय के आदेशों की अवमानना डाली। इसी मामले में उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार को तलब किया, जिस पर सरकार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने इस मामले में सरकार द्वारा जवाब दाखिल करने के लिए समय दिए जाने का अनुरोध किया। इसी पर न्यायालय ने सरकार को 23 दिसंबर तक अपना जवाब दाखिल किए जाने के आदेश दिए। 

ये हैं नियम 158ए

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि हरियाणा शिक्षा नियमावली के नियम 158ए में निजी स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस बढ़ोतरी पर अभिभावकों के मामलों की सुनवाई के लिए फीस एंड रेगुलेटरी कमेटी(एफएफआरसी) कम डिवीजनल कमीशनर कमेटी बनाई हुई है। मगर एफएफआरसी सही तरीके से काम नहीं कर रही है। न्यायालय ने भी एफएफआरसी पर टिप्पणी की हुई है कि ये कमेटी क्लर्क की तरह काम कर रही है, जिससे अभिभावकों की भी सुनवाई नहीं हो रही है। बृजपाल ने बताया कि हरियाणा शिक्षा नियमावली में एनुअल चार्ज का कोई प्रावधान नहीं हैं, मगर फिर भी प्रदेश भर के 8600 निजी स्कूलों में प्रत्येक बच्चे से एनुअल चार्ज वसूला जा रहा है। एफएफआरसही सही तरीके से काम नहीं किए जाने पर ही संगठन ने अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से उच्च न्यायालय का रुख किया था। इसी मामले में ये आदेश हुए हैं। 

You May Have Missed

error: Content is protected !!