14 दिसम्बर 2020- स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि अपने आपको आमजन व स्वयंसेवक बताकर ठगने वाली हरियाणा भाजपा-खट्टर सरकार ने कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए जिस तरह मुख्यमंत्री, मंत्रीयों, विधायकों को प्राथमिक सूची में रखा है, वह साफ बताता है कि सरकार की प्राथमिकता आमजन नही अपितु विशेषजन है और वीआईपी कल्चर के विरोध में संघीयों की बयानबाजी महज एक ढोंग है।

विद्रोही ने कहा कि जब कोरोना वायरस के बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध होगी तो हरियाणा में भाजपा सरकार सबसे पहले 90 विधायकों, 10 लोकसभा सांसदों व 5 राज्यसभा सांसदों सहित इन 105 वीआईपीज को कोरोना वैक्सीन जनप्रतिनिधि होने के बहाने टीके लगाने को प्राथमिकता देगी। भाजपा खट्टर सरकार का यह रवैया मुंह बोलता प्रमाण है कि संघीयों की वीआईपी कल्चर में कितनी आस्था है। सवाल उठता है कि जब कोरोना संकट शुरू हुआ, लोकडाऊन लगा, लोग भूखे-प्यासे सड़कों पर थे तो तब येे कथित वीआईपी कहां थे?

विद्रोही ने कहा कि कोरोनो संकट व लोकडाऊन में सभी मंत्री, सांसद, विधायक आमजनों को ढंूढे भी नजर नही आये। जरूरतमंदों की सहायता सामाजिक संगठनों व आमजनों ने तो यथासंभव की, पर इन कथित जनप्रतिनिधियों ने किसी की भी सहायता करना तो दूर उन्हे ढांढस तक नही बंधाया और जब कोरोना बचाव के लिए वैक्सीन टीके लगवाने की रूपरेखा तैयार हुई तो ठीके लगवाने में मंत्री, सांसद, विधासक सबसे पहली प्राथमिकता में शामिल किये गए। विद्रोही ने कहा कि भाजपा सरकार का रवैया बताता है कि आमजन उनकी प्राथमिकता में नही है। आमजन की बाते केवल वोट हडपने के लिए की जाती है और जब सुरक्षा व सुविधा की बात आती है तो आमजन को सबसे पीछे धकेलकर उसे भगवान के भरोसे छोड़ दिया जाता है।

error: Content is protected !!