नायब तहसीलदार सस्पेंड कर दो मामलें दर्ज करने के आदेश रमेश गोयत पंचकूला, 12 दिसम्बर। सोशल मिड़िया व सीएम विंडों पर आई खबरो पर कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शहरी सम्पदा विभाग के भूमि अर्जन कलेक्टर कार्यालय सैक्टर 8 पंचकूला में तैनात एक नायब तहसीलदार को सस्पेंड कर 2 मामलें दर्ज करने के आदेश दिए है। फर्जी कागजों के आधार पर नायब तहसीलदार बने शिवराज सिंह के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें तुरन्त प्रभाव से निलंबित करते हुए दो प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश भी जारी किए गए। 21 अक्तूबर 2020 को इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। एक प्राथमिकी पटवारी भी न होने के बावजूद नायब तहसीलदार बनने का फर्जीवाड़ा करने पर और दूसरी प्राथमिकी सरकारी जमीन की फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में दर्ज कराने का आदेश दिया गया। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण विभाग पंचकूला सैक्टर 8 के भूमि अधिग्रहण कार्यालय में कांट्रक्ट के एक पटवारी को कांग्रेस सरकार में नायब तहसीलदार बना दिया गया था। जबकी यह पटवारी 1995 में पटवारी का पेपर भी फेल था। इस पटवारी पर अधिकारी व सरकार इतनी मेहरबान रही की पटवारी का पेपर भी फेल होते हुए भी कॉंट्रक्ट के तहत लगें होने के बावजूद रेगलूर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के केस उमा देवी का हवाला देकर पक्का कर दिया गया था। विभाग में लगें दूसरे सभी पटवारियों को निकाल दिया। यहा तक भी उपरौक्त पटवारी बीसी कैटागरी में आता है। फिर भी उस गलत तरीके से एससी केटागरी में प्रमोशन देकर नायाब तहसीलदार बनाया गया था। विभाग के कई कर्मचारी इस गलत तरीके से पटवारी का पेपर भी फेल व प्रमोशन को लेकर सीएम विंडों पर शिकायत दर्ज करवाई थी। बडी पहुंच व मेल जोल के कारण जांच भी नही होने ही जा रही थी। इस विभाग में लगें सभी कॉट्रक्ट के पटवारी 10 हजार रूपए वेतन लेते थे। मगर सभी कई करोड़ों के मालिक बने बैठे है। जो कि सरकारी के लिए जांच का विषय था। एचएसवीपी विभाग में पैसे लेकर गलत तरीके से एनओसी भी दी जा रही थी। हेराफरी के चक्कर में कई कर्मचारी जेल की सजा भी भुगत चुके है। पंचकूला के अधिकतर सैक्टरों में प्लाट व फ्लेटों के मालिक बने बैठे है। पंचकूला निवासी राजबीर सिंह ने विभाग के कई कर्मचारी इस गलत तरीके से पटवारी का पेपर भी फेल व प्रमोशन को लेकर सीएम विंडों पर 13 फरवरी 2019 को शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत पर सरकार ने सुनवाई करते हुए भूपेश्वर दयाल ने शहरी संपदा विभाग में गलत तरीके से भर्ती हुए पटवारी जो अब पदोन्नत होकर नायब तहसीलदार बन गया है, उसके विरुद्ध एक सप्ताह के अन्दर-अन्दर जांच पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा था। फर्जी कागजों के आधार पर नायब तहसीलदार बने शिवराज सिंह के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें तुरन्त प्रभाव से निलंबित करते हुए दो प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश भी जारी किए गए। Post navigation पंंचकूला: एचएसवीपी के 8 अधिकारियों को सरकार ने किया चार्जशीट खाली ओपीडी पर्चियों पर ही रैफर करते है सरकार के अस्पताल के डॉक्टर