नीमा ने खिचड़ीकरण पर जातया एतराज भिवानी/मुकेश वत्स नीमा के संरक्षक डाक्टर आरबी गोयल व जिला प्रधान डाक्टर संदीप टांक ने केन्द्र सरकार द्वारा डाक्टर्स के लिए सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए प्रमाणिकरण करने के लिए धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें वास्तव में अफसोस है कि बिना सत्यता जाने ही इंडियन मैडिकल एसोसिएशन ने केन्द्र सरकार व इसके उपक्रम की राजपत्रित अधिसूचना की निंदा करते हुए 11 दिसंबर को राष्ट्रीयव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। आईएमए आधुनिक वैज्ञानिक चिकित्सा पर मालिकाना अधिकार होने का व्यवहार कर रहा है, जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि सुश्रुत संहिता जैसे 5 हजार वर्ष प्राचीन सर्जिकल ग्रंथो में कई सर्जिकल प्रक्रियाओं के नामों का उल्लेख किया गया है, इसे संज्ञात्मक शब्द कैसे कहा जा सकता है? महर्षि सुश्रुत को दुनिया भर में आधुनिक सर्जरी के जनक के रूप में स्वीकार किया जाता है। सुश्रुत संहिता में कई सर्जिकल प्रक्रियाओं और सर्जिकल उपकरणों का वर्णन बहुत पहले किया गया है, जो उस युग में सर्जिकल विज्ञान में प्रकृति के बारे में आश्चर्यचकित करता है। आईएमए ने इस बारे में गलत प्रचार किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के पाठ्यक्रम व नियम अनुसार एक छात्र नीट परीक्षा पास करके बीएएमएस में दाखिला लेकर साढ़े चार साल का कोर्स व एक साल की इंटर्नशिप करके अपनी डिग्री लेता है और उसके बाद फिर नीट परीक्षा देकर 3 साल के एमडी शल्य में दाखिला लेता है तभी वो सर्जरी कर सकता है, इसके लिए भारत सरकार का एमएसआर भी है। यह प्रक्रिया बीएमएस व एमबीबीएस तथा एमएस सर्जरी व एमडी शल्य के लिए एक समान है। आईएमए द्वारा इसका मिक्सोप्थी खिचड़ीकरण के रूप में उपहास किया जा रहा है जो स्वीकार्य नहीं है। नीमा के सचिव डाक्टर विनोद अंचल, डाक्टर अश्वनी बजाज, डाक्टर अनुराग जुनेजा व डाक्टर अभिषेक ने कहा कि 11 दिसंबर को आईएसएम डाक्टर लोगों की सेवा के लिए अपने क्लिनिक व अस्पतालों को अधिकतम समय तक खुला रखेंगे। सरकार के प्रति आभार प्रकट करने के लिए हमारे आईएसएम चिकित्सक अपनी पोशाक पर गुलाबी रिबन बांधेगे। Post navigation ग्राम सचिव की परीक्षा को शांति पूर्वक ढंग से संपन्न करवाने के लिए उपायुक्त ने दिए निर्देश देश के आइएमए डाक्टर 11 दिसम्बर को बन्द अस्पताल रखेंगे