6 दिसम्बर 2020 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने हरियाणा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रो0 रामबिलास शर्मा के शनिवार को रेवाड़ी में किसान आंदोलन पर की गई अभद्र टिप्पणियों की कठोर आलोचना करते हुए कहा कि सत्ता मद में चूर संघी किसान आंदोलन व किसानों को विदेशी एजेंट, देश को तोडने वाले अराजक तत्व बताकर अन्नदाता किसान का ही अपमान नही कर रहे है अपितु किसान आंदोलन को ही गलत करार देकर खुलेआम पूंजीपतियों की दलाली कर रहे है। विद्रोही ने कहा कि शनिवार को रेवाड़ी में रामबिलास शर्मा ने किसान आंदोलन को पंजाब की आतंरिक राजनीति का परिणाम बताकर किसानों के संघर्ष को बहुत छोटा बताने का कुप्रयास तो किया, साथ में इस आंदोलन को अप्रत्यक्ष रूप सेे खातिस्तानियों, टुकडे-टुकडे गैंग, कनाडा से प्रायोजित आंदोलन बताकर किसानों को एक तरह से देशद्रोही ही बता दिया। देश के 140 करोड़ लोगों की पेट की आग बुझाने वाले अन्नदाता के प्रति भाजपाई-संघीयों की ऐसी घटिया-घृणित सोच बताती है कि वे मानसिक रूप से कितने किसान विरोधी है। विद्रोही ने कहा कि किसान अंादोलन को बदनाम करने गोदी मीडिया का एक वर्ग प्रायोजित व झूठी खबरे परोस तो रहा ही है, साथ में किसान आंदोलन पर संघीयों के अनाप-शनाप बयानों को बढ़ा-चढ़ाकर प्रसारित-प्रचारित कर रहा है और जब कोई कोई संघीयों के ऐसे घटिया बयानों की आलोचना करके संघीयों को आईना दिखाता है तो ऐसे बयान को गोदी मीडिया गोल कर देता है। मीडिया का यह एकपक्षीय रवैया ना केवल स्वस्थ लोकतंत्र अपितुं मीडिया की खुद की विश्वसनियता के लिए भी बड़ा खतरो है। विद्रोही ने हरियाणा के किसानों से आग्रह किया कि वे गंभीरता से विचार करे कि जो संघी अप्रत्यक्ष रूप से उन्हे देशद्रोही, अराजक तत्व, विदेशी शक्तियों की कठपुतली बताने का बार-बार कुप्रयास कर रहे है, उन्हे गांवों घुसने दिया जाये या नही। विद्रोही ने कहा कि उचाना की खाप पंचायतों की तरह ही अब पूरे हरियाणा के किसानों व ग्रामीणों को भाजपा सरकार के मंत्रीयों, सांसदों, विधायकों का सामाजिक बहिष्कार करके गांवों में घुसने पर पूर्णतया बैन लगाने का कठोर निर्णय करना चाहिए अन्यथा संघी किसानों को यूहि अपमानित करते रहेंगे। विद्रोही ने सभी हरियाणावाससियों से अपील की कि वे 8 दिसम्बर को तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आयोजित भारत बंद को प्रदेश में सफल बनाकर अन्नदाता किसान का कर्ज चुकाये। Post navigation खट्टर व इन्द्रजीत की खटपट के कारण अटका पड़ा है एम्स निर्माण का मामला किसान आंदोलन – मीडिया में पंच-सरपंचों के नाम पर फर्जी बयान प्रकाशित करवाये जा रहे : विद्रोही