2 दिसम्बर 2020 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि भाजपा-जजपा सरकार मनेठी-माजरा एम्स निर्माण की सभी बाधाओं को तत्काल दूर करके एम्स निर्माण प्रारंभ करवाये। विद्रोही ने कहा कि मनेठी-माजरा एम्स निर्माण का श्रेय भाजपाई-संघी भक्त चाहे जिस दे, कम से कम दक्षिणी हरियाणा में तो इस बात पर किसी भी कोई एतराज नही है। जमीनी हकीकत यही है कि 7 जुलाई 2015 को एम्स निर्माण घोषणा के साथ ही इसका श्रेय लेने की होड़ भाजपाईयों में मची हुई है और श्रेय लेने व एक-दूसरे को नीचा दिखाने की मारकाट में ही संघी सरकार जान-बूझकर एम्स निर्मााण को लटका रही है। यदि भाजपाई यह दावा करते है कि मुख्यमंत्री मनेाहरलाल खट्टर ने बिना मांगे दक्षिणी हरियाणा को एम्स का तोहफा दिया व राव इन्द्रजीत सिंह ने एम्स दिलवाया तो संघी भाई व उनके भक्त यह भी न भूले कि 2018 में एम्स को जुमला भी मुख्यमंत्री खट्टर ने ही करार दिया था और एम्स निर्माण का मामला भी खट्टर व इन्द्रजीत सिंह की आपसी खटपट के कारण ही पांच साल से अटका पड़ा है। 

विद्रोही ने कहा कि भाजपाई-संघीयों ने 2019 लोकसभास चुनाव व अक्टूबर विधानसभा चुनाव में एम्स मुद्दे को जमकर भूनाकर वोटों की फसल काट चुके है। भाजपा सरकार के रवैये से लगता है कि वे दक्षिणी हरियाणा के मतदाताओं को भावनात्मक रूप से ठगकर 2024 के लोकसभा व विधानसभा चुनावों में भी एम्स के नाम पर वोटों की फसल काटने की फिराक में है। इस कारण वे जान-बूझकर एम्स निर्माण को लटका रहे है। यदि ऐसा नही है तो जब माजरा के किसान जमीन देने को तैयार है तो मुख्यमंत्री खट्टर 50 लाख रूपये प्रति एकड़े के हिसाब से जमीन का मुआवजा देकर एम्स निर्माण का रास्ता साफ क्यों नही करते? 

विद्रोही ने सवाल किया कि मुआवजे के नाम पर मुख्यमंत्री 29 लाख रूपये प्रति एकड़ की जिद पर क्यों अड़े हुए है, जबकि 200 एकड़ जमीन में 75 एकड़ पंचायती जमीन मुफ्त मिल रही है। सरकार को अपने 58 करोड़ रूपये के बजट में 125 एकड़ जमीन का ही मुआवजा देना पड़ेगा। इस तरह साढ़े 4 करोड़ रूपये और किसानों को देकर जमीन विवाद को निपटाया क्यों नही जा रहा है? जमीन विवाद को लटकाये रखना ही इस शंका को जन्म देता है कि मुख्यमंत्री ही इस पर राजनीति कर रहे है। मुख्यमंत्री खट्टर व राव इन्द्रजीत सिंह की अहंकार की लडाई व इन दोनो के समर्थकों की श्रेय लेने की होड़ में मनेठी-माजरा एम्स निर्माण को फुटबाल बनाकर संघी-भाजपाई मनमानी किक मारकर इस मुद्दे को भटका रहे है।

विद्रोही ने सभी पक्षों से आग्रह किया कि वे अपने निहित राजनीतिक स्वार्थ व एक-दूसरे के प्रति राग-द्वेष की भावना के कारण दक्षिणी हरियाणा के साथ राजनीति का यह गंदा खेल छोडकर अपने सवा पांच साल पहले के वादे व पौने दो साल पहले केन्द्रीय केबिनेट के निर्णय अनुसार एक भी क्षण गवाएं मनेठी-माजरा में एम्स का निर्माण प्रारंभ करे। 

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