Haryana Chief Minister Mr. Manohar Lal addressing Digital Press Conference regarding preparedness to tackle Covid-19 in the State at Chandigarh on March 23, 2020.

1 दिसम्बर 2020 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि किसान बाजरे का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने को मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का दावा हवा-हवाई व जुमला निकला। विद्रोही ने कहा कि 27 नवम्बर को बाजरे की सरकारी खरीद बंद होने के बाद भाजपा-जजपा सरकार ने सभी किसाने के बाजरे का एक-एक दाना खरीदना तो दूर की कोड़ी, प्रदेशभर में जिन किसानों ने सरकारी पोर्टल पर बाजरा बेचने का अग्रिम रजिस्टेऊशन करवाया था, उन सभी किसानों का बाजरा भी सरकारी एजेंसियों ने नही खरीदा। तीन काले किसान कानूनों का औचित्य सही ठहराने खातिर इस साल पूर्व वर्ष की तुलना में सरकार ने ज्यादा बाजरा एमएसपी पर खरीदा ताकि किसानों के बढ़ते रोष को कम किया जा सके। पर किसान बाजरे का एक-एक दाना खरीदने का महाझूठा हवा-हवाई जुमला ही निकला

विद्रोही ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदीजी ने मीडिया के सामने रोज झूठ पेलते है कि तीन कृषि कानूनों के बाद देश का किसान अपनी फसलों को देश के किसी भी राज्य व मंडी में बेरो-टोक बेच सकता है। वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर खुलेआम कहते है कि हरियाणा की मंडियों में केवल हरियाणा के ही उन किसानों का बाजरा, धान, कपास खरीदा जायेगा, जिन्होंने सरकारी पोर्टल पर अग्रिम रजिस्टेऊशन करवा रखा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर के रवैये से साफ है कि बाहर के राज्यों के किसानों की फसले खरीदना तो दूर की बात, हरियाणा के उन किसानों का भी भाजपा सरकार ने बाजरा, कपास व धान नही खरीदा, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन नही करवाया।

विद्रोही ने कहा कि धरातल की वास्तविकता यह है कि प्रधानमंत्री के एक देश एक मंडी के नारे को स्वयं भाजपा राज्य सरकारे ही मानने को तैयार नही है। किसान कहीं भी अपनी फसने बेचने को स्वतंत्र है, प्रधानमंत्री के इस दावे को खुद भाजपा राज्य सरकारे ही झूठा साबित कर रही है तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि तीन काले किसान कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोजल जायज ही नही अपितु किसान को बचाने के लिए आवश्यक भी है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि हर मामले की तरह मोदीजी किसान कानूनों पर भी जुमलेबाजी करके व महाझूठे दावे करके किसानों को ठग रहे है ताकि अपने मित्र अम्बानी व अडानी जैसे चंद पूजीपतियों के हाथों में 30 लाख करोड़ रूपये के कृषि व्यापार को सत्ता दुरूपयोग से कब्जा करवाकर किसानों को सदैव के लिए उनके रहमो-करम पर छोडकर उनकी हालत बंधुआ मजदूरों जैसी बना दे।

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