एक हाथ और एक पैर से खेलने वाले दिव्यांग खिलाड़ी प्रेरणा के स्रोत हैं: आर्य

आने वाले समय में आईसीसीएल और पीसीसीएआई के सहयोग से भिवानी बनेगा दिव्यांग खिलाडिय़ों का हब

भिवानी/मुकेश वत्स

उपायुक्त जयवीर सिंह आर्य ने कहा कि एक हाथ और एक पैर से खेलने वाले दिव्यांग खिलाड़ी वास्तव में हर किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत होते हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांग कभी भी अपने आप को मानसिक रूप से कमजोर न समझें। उन्होंने कहा कि दिव्यांगता भले ही हमारे जीवन में कुछ पल के लिए रूकावट बन सकती है। लेकिन हौसले से उस बाधा को पार किया जा सकता है, जो दिव्यांग खिलाड़ी करके दिखा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आईसीसीएल और पीसीसीएआई के सहयोग से भिवानी में दिव्यांग खिलाडियों का हब बनेगा। उन्होंने कहा कि दिव्यांग खिलाडिय़ों को जिला प्रशासन की तरफ से हर संभव सहयोग दिया जाएगा। उपायुक्त आर्य जी-लिट्रा वैली के स्पोर्टस मैदान में आईसीसीएल एवं पीसीसीएआई के सहयोग से हैप कप प्रतियोगिता के समापन पर अपना संबोधन दे रहे थे। विश्व दिव्यांग दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित इस मुकाबले में नॉर्थ इंडिया से जम्मू कश्मीर, पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड, हरियाणा सहित अनेक स्थानों से खिलाडिय़ों ने भाग लिया। दो दिवसीय डे-नाईट टी-20 मुकाबले में  समापन समारोह उपायुक्त ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और दिव्यांग खिलाडिय़ों को अपना आशीर्वाद व शुभकामनाएं दी।

उपायुक्त ने भारतीय दिव्यांग टीमों के बीच में फाईनल मुकाबला भी देखा। फाइनल मुकाबला प्रवीण हीरोज और हार्ले मास्टर से के बीच में खेला गया, जिसमें प्रवीण हीरोज विजेता रहा। विजय कुमार मैन ऑफ दॉ मैच और मैन ऑफ दॉ सीरिज रहे। उपायुक्त आर्य ने कहा कि भले ही हाथ या पैर काम न करते हों लेकिन व्यक्ति को रुकना नहीं चाहिए, यदि व्यक्ति का दिमाग सही है तो वह हर परिस्थिति में कार्य को पूर्ण करने की हिम्मत रखता है।

उन्होंने कहा कि दिव्यांगों ने विश्व दिव्यांग दिवस पर आयोजित इस दो दिवसीय हैप कप टी 20 टूर्नामेंट में अपनी बेहतरीन प्रतिभा दिखाई है। पीसीसीएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र लोहिया और महासचिव रवि चौहान ने कहा कि दिव्यांग खिलाडिय़ों को कोविड-19 के आठ माह बाद यह बड़ी टूर्नामेंट विदेशी खिलाडयि़ों के द्वारा बढ़ाए गए मदद के हाथ के द्वारा करवाई गई है।  उन्होंने  बताया कि कोविड के दौरान पीसीसीएआई के 190  दिव्यांग खिलाडयि़ों को विदेशी खिलाडिय़ों ने 5-5 हजार रुपए की आर्थिक मदद पहुंचाई है, इसलिए उन्होंने इस बार का यह टूर्नामेंट उन्हीं के नाम से समर्पित किया है।

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