गर्भवती महिलाओं का पटौदी नागरिक अस्पताल पर बढ़ा विश्वास. प्रसूताओं नें यहां एक कन्या और चार लड़कों को दिया. जन्म सभी नवजात शिशु और जननी पूरी तरह से स्वस्थ फतह सिंह हो जाला पटौदी । देहात के लोगों विशेष रूप से महिला वर्ग में गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों का पटौदी के नागरिक अस्पताल के प्रति विश्वास और अधिक मजबूत होता जा रहा है । पटौदी के नागरिक अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा के बाद से महिला वर्ग में यह विश्वास और अधिक मजबूत हुआ है । बीते 24 घंटे के दौरान पटौदी के नागरिक अस्पताल में 5 सफल सिजेरियन डिलीवरी करवाई गई। इनमें प्रसूताओं के द्वारा एक कन्या और 4 लड़कों को जन्म दिया गया है । सभी नवजात शिशु और प्रसूता पूरी तरह से स्वस्थ हैं । गौरतलब है कि ग्रामीण अंचल के पटौदी मुख्यालय पर स्थित नागरिक अस्पताल में बीते माह 23 नवंबर को पहली बार सीजेरियन डिलीवरी की गई थी । महिला रोग विशेषज्ञ ज्योति डबास का कहना है कि एसएमओ डॉक्टर नीरू यादव , सीएमओ डॉ वीरेंद्र यादव सहित स्वास्थ्य विभाग और सरकार के साथ मिलकर इस बात के प्रयास जारी हैं कि वर्ष 2021 जनवरी से पटौदी के नागरिक अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी संबंधित सभी प्रकार की सुविधाएं पूरी तरह से उपलब्ध हो जाए। फिर भी अपने स्तर पर ग्रामीण अंचल और यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए जटिल प्रसव अथवा सिजेरियन डिलीवरी का काम शुरू किया जा चुका है । सरकारी सुविधा और सरकारी डॉक्टरों के प्रति विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं का बढ़ता विश्वास सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने की तरफ से अपने आप में बहुत बड़ी बात है । अमूमन जटिल प्रसव अथवा सिजेरियन डिलीवरी के लिए पटौदी जैसे ग्रामीण अंचल के परिजनों को गर्भवती के प्रसव के लिए प्राइवेट अस्पतालों में या फिर रेवाड़ी और गुरुग्राम जाना पड़ता था । लेकिन अब यही सुविधा पटौदी के नागरिक अस्पताल में उपलब्ध करवा दी गई है । एसएमओ डा. नीरू यादव ने कहा सिजेरियन डिलीवरी के समय महिला विशेषज्ञ डॉक्टर के साथ पूरी टीम काम करती है । इस टीम के सदस्यों का अपना अपना महत्वपूर्ण काम रहता है । 3 दिसंबर को पटौदी के नागरिक अस्पताल में नानू कला निवासी ममता ने सिजेरियन डिलीवरी के बाद पहले बच्चे के रूप में लड़के को जन्म दिया। जाटोली निवासी रितु विश्वास में भी सिजेरियन डिलीवरी के बाद अपने पहले पुत्र को जन्म दिया। घोषगढ़ निवासी मोनिका ने बताया कि पहले भी सिजेरियन ऑपरेशन से बच्चे को जन्म दिया था और अब गर्भकाल के दौरान वह नियमित रूप से डॉ ज्योति डबास के पास ही अपनी जांच करवा रही थी , ऐसे में दूसरे बच्चे के रूप में कन्या को सिजेरियन डिलीवरी के बाद जन्म दिया । ताज नगर निवासी आरती और हेली मंडी निवासी मीनाक्षी ने भी सिजेरियन डिलीवरी के बाद लड़कों को जन्म दिया है। डॉ ज्योति डबास ने बताया की सिजेरियन डिलीवरी की जरूरत में गर्भ में बच्चा उल्टा हो, वजन सामान्य से अधिक हो या फिर कम हो इसके अलावा और भी कई कारण हो सकते हैं । हाल ही में जो 5 सीजेरियन डिलीवरी की गई , उनमें आरती के गर्भ में पल रहा शिशु उल्टा था, इसलिए सिजेरियन डिलीवरी के अलावा कोई अन्य विकल्प भी नहीं सामने बचता। उन्होंने कहा कोरोना काल के समय को देखते हुए प्रसव समय नजदीक आने पर सभी गर्भवती- प्रसूताओं का करोना टेस्ट भी विशेष रूप से करवाया जा रहा है। जिससे कि नवजात शिशु और मां को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। पटौदी के सरकारी अस्पताल की एसएमओ डॉक्टर नीरू यादव ने बताया कि यहां पर होने वाले डिलीवरी अथवा प्रसव की संख्या को देखते हुए बेड की संख्या अब 18 कर दी गई है । इसके 12 बेड की सुविधा और भी उपलब्ध है । महिला रोग विशेषज्ञ डॉ ज्योति डबाास ने कहा की किसी भी गर्भवती का सुरक्षित प्रसव कराना विशेष रुप से सिजेरियन डिलीवरी या फिर ऑपरेशन के द्वारा बच्चे को जन्म दिलाना बहुत ही जिम्मेदारी और सावधानी का काम है । पटौदी जैसे ग्रामीण अंचल के सरकारी नागरिक अस्पताल में वह अपनी तरफ से विभिन्न महिला रोगों का उपचार करते हुए विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं के प्रसव काल ध्यान में रखते हुए जो काम कर रही हैं , उस कार्य से जो आत्म संतुष्टि और खुशी मिलती है वह शब्दों में बयान नहीं की जा सकती । एसएमओ डॉक्टर नीरू यादव और महिला रोग विशेषज्ञ डॉ ज्योति डबास ने आह्वान किया है कि ऐसी गर्भवती महिलाएं जिनको सिजेरियन डिलीवरी की प्राइवेट अस्पताल अथवा प्राइवेट डॉक्टरों के द्वारा सलाह दी गई है , वह पटौदी के नागरिक अस्पताल में अपनी जांच करवाने के साथ संपर्क कर सकती हैं या फिर ऐसी गर्भवती महिलाओं के परिजन भी संपर्क कर सकते हैं। Post navigation कॉविड 19 अपडेट..तीन दिसंबर को एक बार फिर से गई चार और जान पटौदी नागरिक अस्पताल में विशेष दिव्यांग जांच कैंप