चंडीगढ़, 28 नवंबर। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली कूच कर रहे किसानों के समर्थन और पुलिस दमन के खिलाफ शनिवार को कर्मचारी, मजदूर व पेंशनर्स ने सभी जिलों में आक्रोश प्रदर्शन किए। प्रदर्शनों में कारपोरेट को फायदा पहुंचाने के लिए बनाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर आश्रु गैस के गोले बरसाने, पानी की बौछार मारने और बल प्रयोग करने की घोर निन्दा की गई ओर किसान आंदोलन का तन-मन-धन से समर्थन करने का ऐलान किया गया। प्रर्दशन में दिल्ली कूच के दौरान सड़क हादसे में शहीद हुए किसान के आश्रितों को एक करोड़ रुपए मुआवजा और एक सदस्य को स्थाई नौकरी देने की मांग की गई। प्रदर्शनों में किसानों और उनका सहयोग व समर्थन करने वाले संगठनों के नेताओं पर झुठे मुकदमे दर्ज करने तथा सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा को शनिवार को हुए प्रदर्शनों को विफल बनाने के लिए शुक्रवार को गिरफतार करने के लिए उनके बल्लभगढ़ स्थित आवास पर पुलिस द्वारा छापेमारी करने की भी घोर निन्दा की गई। प्रदर्शनों में आरोप लगाया गया की सरकार किसान आंदोलन से भयभीत होकर संविधान द्वारा प्रदत्त जनवादी एवं लोकतांत्रिक अधिकारों पर लगातार हमले कर रही है। जिसको किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। Post navigation अमरिंदर सिंह की इंजीनियरिंग की वजह से हुआ आंदोलन: अनिल विज 3 तारीख तक इंतजार क्यों, किसानों से तुरंत बातचीत कर मांगें माने सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा