दिल्ली कूच को लेकर किसान व प्रशासन आमने-सामने

ट्रैक्टर पर दिल्ली कूच के लिए निकले किसानों को मुंढ़ाल नाके पर रोका
किसानों ने नेशनल हाईवे पर सडक़ किनारे दिया धरना

भिवानी/मुकेश वत्स

 कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली कूच को लेकर सडक़ों पर प्रशासन के आमने-सामने होते रहे तथा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वीरवार को गांव मुंढाल से किसान नेता जोगेंद्र तालु के नेतृत्व में सैकड़ों किसान ट्रैक्टर पर दिल्ली कूच के लिए निकले थे। इस दौरान सरकार के तानाशाही रवैया के कारण भारी पुलिस बल द्वारा किसानों को आगे नहीं जाने दिया और किसानों को वही रोक लिया तो किसान पैदल ही दिल्ली के लिए निकल पड़े।

जिसके बाद किसानों को पैदल भी दिल्ली नहीं जाने दिया, जिससे गुस्साएं किसानों ने नेशनल हाईवे पर सडक़ किनारे धरना दिया और सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसान नेता जोगेंद्र तालु ने कहा कि सरकार ने किसानों की आवाज को दबाने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है उन्होंने कहा कि आज देश में किसान और कर्मचारियों को सरकार दबाने का काम कर रही है रही है और आरोप लगाया कि सरकार रोजगार खत्म कर निजीकरण को बढ़ावा दे रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को जितना दबाएगी आंदोलन उतना तेज होगा। उन्होंने कहा कि किसान विरोधी कृषि कानून लाकर किसानों के हितों को कारपोरेट के गिरवी रखा जा रहा है। इससे खाद्य, आत्म निर्भरता व आर्थिक सम्प्रभुता तथा देश की आत्म निर्भरता को खत्म किया जा रहा है। श्रम कानूनों व कृषि कानूनों को बदलकर किसान, कर्मचारी, मजदूरों को पूंजीपतियों का बंधक बनाया जा रहा है। किसानों की जगह जगह गिरफ्तारी करके खटटर और मोदी सरकार तानाशाही से आंदोलन को कुचलने का काम कर रही है। जनता इसे किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगी। उन्होंने सभी किसानों को तुरंत रिहा करने की मांग की।

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