कर्मयोगी किसान पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं – बलराज कुंडू

किसानों पर वाटर कैनन चलाकर अन्नदाता को रोकना सरकार का अलोकतांत्रिक एवं दमनकारी कदम।

रोहतक, 26 नवम्बर : महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने प्रदेश की भाजपा-जजपा की गठबंधन सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा है कि खेती विरोधी तीन काले कानूनों के विरोध में अपनी आवाज़ दिल्ली में बैठी सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे अन्नदाता पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। राज्य सरकार किसानों को रोकने के लिये ओछेपन पर उतारू हो गयी है। सरकार का दमनकारी रवैया किसी भी सूरत में बर्दाश्त करने योग्य नहीं।
आज हलके से आये किसानों से बातचीत करते हुए बलराज कुंडू ने कहा कि ठंड के मौसम के बावजूद सरकार वाटर कैनन का इस्तेमाल कर रही है इससे सरकार का किसान विरोधी चेहरा खुलकर सबके सामने आ गया है।

उन्होंने कहा कि किसानों के साथ जिस तरह का दमनकारी बर्ताव किया जा रहा है वह पूरी तरह से निंदनीय है। इस अत्याचार को प्रदेश की जनता कतई बर्दास्त नही करेगी। प्रजातांत्रिक प्रणाली में अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने, धरने-प्रदर्शन एवं रैली करने का अधिकार हमारे संविधान ने दिया है। किसान अपनी जायज मांगों के लिए आज सड़क पर आने को मजबूर हुए है लेकिन सरकार शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जा रहे किसानों पर दमनचक्र चलाकर उनकी आवाज को दबाना चाहती है। कर्मयोगी किसानों के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे वे किसान ना होकर कोई अपराधी हों। जिस किसान को सरकार पानी की बौछारों से रोकना चाहती है उस सरकार को शायद मालूम नहीं है कि किसान भीषण सर्दी में भी खेतों में पानी लगाने को रातभर खेतों में रहते हैं। सड़कों पर डाले गए बड़े-बड़े पत्थर, बेरिकेडिंग और कंटीली तारें किसानों को रोक नहीं पाएंगे। किसान अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे हैं और मैं पूरी तरह किसानों के साथ खड़ा हूँ। बलराज कुंडू ने कहा कि सरकार किसानों का रास्ता छोड़े वरना गठबंधन सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। किसानों पर पड़ने वाली एक-एक लाठी का हिसाब लिया जाएगा।

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