• हरियाणा से संविधान सभा के एकमात्र सदस्य चौ. रणबीर सिंह हुड्डा की जयंती पर दी श्रद्धांजलि• 1948 में संविधान सभा में चौ. रणबीर सिंह जी सबसे पहले MSP का प्रस्ताव रखा, जो बाद में क़ानून बना• क्या दिल्ली पर किसानों का हक नहीं है?• किसानों की मांग जायज हैं, उनका पूर्ण समर्थन करते हैं• किसान को MSP गारंटी देने वाला कानून बने, MSP से कम पर कोई खरीद होने पर जुर्माने के साथ सजा का प्रावधान हो रोहतक, 26 नवंबर। देश का संविधान बनाने वाली संविधान सभा के सबसे युवा तथा हरियाणा से एकमात्र सदस्य एवं महान स्वतंत्रता सेनानी चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा जी की 106वीं जयंती के अवसर पर आज गांव खेड़ी साध स्थित उनकी समाधि स्थल पर राज्य सभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान हवन, पूजा और प्रर्थना का आयोजन हुआ। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि मेरे लिए आज गर्व का दिन है क्योंकि, ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ 8 साल जेलों में बिताने वाले, संविधान निर्मात्री सभा के हरियाणा से एकमात्र और सबसे युवा सदस्य एवं आधुनिक हरियाणा का निर्माण करने वालों में से एक, मेरे पूज्य दादाजी चौ. रणबीर सिंह जी का जन्म भी 26 नवम्बर, 1914 को हुआ था और आज ही संविधान दिवस भी मनाया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है कि चौ. छोटूराम जयंती के दिन प्रदेश में किसानों को गिरफ्तार किया गया और आज संविधान दिवस पर चौ. रणबीर सिंह जयंती के दिन संविधान को तार-तार करते हुए किसानों से विरोध करने के अधिकार को भी छीनने का काम कर रही है सरकार। किसानों की मांग जायज है हम उनका पूर्ण समर्थन करते हैं। रोहतक में आज कई सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए सवाल किया कि कहा कि क्या दिल्ली पर किसानों का हक नहीं है? नये कृषि कानूनों से हरियाणा और पंजाब के किसानों को सबसे ज्यादा चोट लगेगी। सरकार किसानों के जख्मों पर मरहम लगाने की बजाय नमक छिड़कने का काम कर रही है। सरकार रात को दिन दिखाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि आजादी से पहले MSP की कोई व्यवस्था नहीं थी। MSP का सबसे पहले प्रस्ताव 1948 में संविधान सभा में चौ. रणबीर सिंह जी ने रखा। उसके बाद धीरे धीरे MSP का कानून बना और उसमें फसलें जोड़ी गयी। लेकिन भाजपा सरकार ने 3 नये कृषि क़ानून बनाकर MSP सिस्टम पर सबसे बड़ा प्रहार कर दिया है। अहंकार में डूबी ये सरकार लोगों के फैसले को नहीं मान रही, किसानों की जायज मांगों को नहीं मान रही और लोकतंत्र में शान्तिप्रिय तरीके से अपनी बात रखने के अधिकार को भी छीनने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि अपनी जायज मांगो के लिए शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन और दिल्ली कूच कर रहे किसानो पर सत्ता व पुलिसिया जोर की आजमाइश कतई बर्दाश्त करने लायक नही है। कोरोना का हवाला देकर किसान पर बंदिशे लगाने वाली सरकार खुद ठंड व महामारी के मौसम मे अन्नदाता पर वाटर कैनन से पानी की बौछारें कर रही है, आंसू गैस के गोले दाग रही है। ये निर्दयता है। सरकार ने किसानों को आर्थिक तौर पर पहले ही तबाह कर दिया था अब शारीरिक चोट पहुंचा रही है और पूरी तरह उन्हें बर्बाद करने पर तुली हुई है। जायज़ माँगों के साथ लोकतांत्रिक ढंग से आन्दोलन कर रहे किसानों के रास्ते को हरियाणा की BJP+JJP सरकार पत्थर क्या पहाड़ रखकर भी नहीं रोक पाएगी। उन्होंने नये कृषि कानूनों को रद्द करने तथा MSP की गारंटी वाला कानून बनाने की मांग की। सांसद दीपेंद्र ने यह भी कहा कि MSP गारंटी के साथ ये प्रावधान भी हो कि MSP से कम में कोई खरीद होने पर जुर्माने के साथ सजा हो। क्योंकि बिना MSP की गारंटी दिये किसी भी क़ानून का कोई औचित्य नहीं है। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि गांधीवादी विचारधारा के प्रखर अनुयायी चौ. रणबीर सिंह जी स्वतंत्रता संग्राम के दौरान संघर्ष करते हुए अपनी युवावस्था के शानदार दिन देश की आठ जेलों में बिताये। इनमें से 4 जेलें आज भारत में तथा 4 पाकिस्तान में हैं। देश आजाद होने के बाद वे भारत की संविधान निर्मात्री सभा यानि संविधान सभा के सबसे कम आयु और हरियाणा से अकेले सदस्य बने। चौ. रणबीर सिंह हुड्डा विश्व के प्रजातांत्रिक इतिहास में अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने जीवनकाल में भारत के सात विभिन्न लोकतांत्रिक सदनों के सदस्य रहे हैं। वे कांस्टिट्यूएंट असेम्बली, कांस्टिट्यूएंट लेजिसलेटिव असेम्बली, प्रोविजनल पार्लियामेंट, लोकसभा, राज्यसभा, पंजाब विधानसभा तथा हरियाणा विधानसभा के सदस्य रहे। उनका यह अद्भुत रिकार्ड लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में सम्मान के साथ दर्ज है। समुदायिक जल प्रबंधन के लिए मैग्सेसे सम्मान से सम्मानित जल-पुरुष राजेंद्र सिंह ने प्रार्थना कार्यक्रम में कहा कि चौ. रणबीर सिंह जी ने आजीवन केवल संघर्ष ही नहीं किया, बल्कि आधुनिक हरियाणा के निर्माण में भी अपना हाथ बंटाया। हरियाणा और पंजाब की सरकारों में मंत्री पद पर रहते हुए देश के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया। भाखड़ा नांगल बांध परियोजना के रूप में चौ. रणबीर सिंह ने भारत के पहले विस्मयकारी बांध के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी, ताकि हमारे किसानों को बारहमासी जल की सप्लावई उपलब्ध हो सके। चौ. रणबीर सिंह जी का मानना था कि देश और देश का संविधान बिना गांव, गरीब और किसान के अधूरा है। यही कारण है कि इस बड़ी परियोजना के तत्काेल अनुमोदन एवं त्वगरित क्रियान्वरयन के परिणामस्व।रूप भाखड़ा नहर प्रणाली का कार्य शीघ्र पूरा हुआ और इसका उद्घाटन 7 जुलाई, 1954 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू द्वारा किया गया। इस बाँध के बनने से विभिन्न राज्यों को मुख्य रूप से सिंचाई, विद्युत उत्पादन और बाढ नियंत्रण की सुविधांए प्राप्त हुई। इस अवसर पर डॉ. रघुबीर सिंह कादयान, विधायक जगबीर मालिक, विधायक राव दान सिंह विधायक बी.बी. बतरा, विधायक शकुन्तला खटक, विधायक इन्दुराज नरवाल, पूर्व सांसद शादीलाल बत्रा, पूर्व विधायक परमेन्दर ढुल, पूर्व विधायक सुखबीर फरमाणा, पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा, पूर्व विधायक संत कुमार, AICC सदस्य चक्रवर्ती शर्मा, कपूर नरवाल, राजेंद्र सिंह राणा (जल पुरुष), प्रो. सौरभ वाजपेयी, वाराणसी से आये संजय राय, प्रो. माया मालिक (रणबीर हुड्डा चेयर) समेत बड़ी संख्या में स्थानीय गणमान्य लोग मौजूद रहे Post navigation रणबीर सिंह हुड्डा जयंती समारोह कर्मयोगी किसान पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं – बलराज कुंडू