तमाम ओछे हथकण्डों के बावजूद सर्व कर्मचारी संघ से सम्बन्धित यूनियन के आह्वान पर हजारों कर्मचारी हड़ताल पर रहे। निजीकरण के खिलाफ व लम्बित मांगों को लेकर संघर्ष जारी रहेगा : यूनियन

चण्डीगढ, 26 नवम्बर!केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, कर्मचारी संघों व हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ के आह्वान पर प्रदेश भर के हजारों रोड़वेज कर्मचारियों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल में बढ़-चढ़ कर भाग लिया व सुबह 4 बजे से ही धरने पर बैठ कर सरकार की कर्मचारी व जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन के राज्य प्रधान इन्द्र सिंह बधाना, महासचिव सरबत सिंह पूनिया, वरिष्ठ उप प्रधान नरेन्द्र दिनोद, उप महासचिव नवीन राणा, कार्यालय सचिव जयकुमार दहिया व प्रेस प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा ने प्रदेश भर के डिपूओं में हुई हड़ताल की रिपोर्ट लेकर सयुंक्त ब्यान में बताया सरकार व सरकारी यूनियनों के तमाम ओछे हथकण्डों के बावजूद 2250 बसों का चक्का जाम रहा। उन्होंने कहा केन्द्र व राज्य सरकार लगातार कर्मचारियों के विरोध के चलते कोराना महामारी को अवसर मानकर हरियाणा रोड़वेज सहित सरकारी विभागों को निजी हाथों में सौंप रही है। उन्होंने कहा सरकारी बसें समाप्त होने पर जनता को मिल रही बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा समाप्त हो जाएगी व स्थाई रोजगार के अवसर समाप्त हो जाएंगे।

कर्मचारी नेताओं ने कहा हरियाणा सरकार ने अपने 6 वर्ष के शासनकाल में विभाग में नई बसें शामिल नहीं की। उन्होंने कहा आने वाले दो वर्ष में विभाग में नई बसें शामिल नहीं की गई तो हरियाणा रोड़वेज का वजूद समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा दिन रात जोखिम भरी ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों को 5000 रूपये जोखिम भत्ता देने, परिचालकों का पे स्केल बढाने, लिपिकों सहित अन्य कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान देने, पुरानी पैंशन स्कीम लागू करने, खाली पदों पर पक्की भर्ती करने, कर्मशाला कर्मचारियों के राजपत्रित अवकाश पहले की तरह लागू करने व तकनीकी वेतनमान देने, विभाग में किलोमीटर व स्टेज कैरिज स्कीम रद्द करने, विभाग में 14 हजार सरकारी बसें शामिल करने, कोरोना महामारी के दौरान ड्यूटी करने पर मृतक कर्मचारियों के परिवारों को एक्शग्रेसिया बीमा पॉलिसी के तहत 50 लाख रूपये मुआवजा देने, कोरोना महामारी के चलते विभाग को हुए घाटे की भरपाई के लिए 1000 करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज देने, 2016 में भर्ती चालकों सहित कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, 2003 से पहले के भर्ती कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने, एक माह के वेतन के समान चार वर्ष के बकाया बोनस का भुगतान करने, परिचालकों को ई टिक्टींग मशीन उपलब्ध करवाने, मैट्रिक पास सभी चालकों की पदोन्नति करने, रोके गए DA व LTC का भुगतान करने, दमनात्मक कार्रवाई रद्द करने व 6 जनवरी एवं 4 जून को परिवहन मंत्री के साथ सहमत मांगों को लागू करवाने के लिये यूनियन का संघर्ष जारी रहेगा। कर्मचारी नेताओं ने किसान आन्दोलन का पुरजोर समर्थन किया।

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