एसयूसीआई ने किसान नेताओं की गिरफ्तारी की निंदी की

भिवानी/शशी कौशिक

 दिल्ली कूच की तैयारियों में लगे किसान नेताओं को पुलिस ने देर रात गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के विरोध में किसानों ने रोष जताते हुए उनकी आवाज को दबाने का आरोप लगाया। किसान नेता जोगेंद्र तालु ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा 26 नवंबर को दिल्ली कूच की घोषणा की गई थी। जिसे सरकार द्वारा विफल बनाने के उद्देश्य से दिल्ली कूच से एक रात पहले ही किसान नेताओं को गिरफ्ता करवा दिया गया।

उन्होंने कहा कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करके किसानों की आवाज नहीं दबा सकती। उन्होंने कहा कि किसान नेताओं को गिरफ्तार कर सरकार ने तानाशाही रवैया अपना लिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों को बर्बाद करने की सोच में है। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा किसान नेताओं की गिरफ्तारी करना निदंनीय है। ऐसे किसानों की आवाज नहीं दबाई जा सकती। किसान अपनी मांगों को लेकर एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि देश के बड़े-बड़े पूंजीपतियों के लिए सरकार एक के बाद एक नीतियां व कानून बना रही हैं, वही किसान, मजदूरों के जीवन को बर्बाद करने में तुली हुई है। दूसरी ओर एसयूसीआई कम्युनिस्ट के जिला सचिव कॉमरेड राजकुमार जांगडा  ने ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के प्रांतीय सचिव जयकरण मांडोठी एवं अन्य किसान नेताओं की पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में निंदा की है।

कामरेड जांगड़ा ने कहा कि सरकार की जनविरोधी नीतियों एवं कानूनों का विरोध करना मौलिक अधिकार है, उसे किसी भी हालत में छीनने की आजादी नहीं दी जा सकती। बड़े दुख की बात है कि किसान नेताओं को पुलिस ने दवाई जैसी आवश्यक चीजों को भी नहीं लेने दिया। पुलिस की इस कार्रवाई से यह सिद्ध होता है कि कानून के राज की जगह जंगल का राज कायम होता जा रहा है और अघोषित इमरजेंसी देश की जनता पर ठोक दी गई है।

error: Content is protected !!