भिवानी/मुकेश वत्स सभ्य समाज हरियाणा ने कोरोना संक्रमण से मरने वालों के दाह संस्कार करने के लिए अलग से शमसान घाट बनाने की मांग की है। समाज के प्रधान धमेंद्र जांगिड़ा ने जिला प्रशासन से मांग की है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कोरोना से मरने वालों के लिए अलग से शमसान भूमि दी जाए, जंहा उनका अंतिम संस्कार किया जा सके। उन्होने बताया कि अब भिवानी शहर में रामबाग, श्याम बाग, बैकुंठ धाम और मुक्तिधाम नाम से चार शमसान घाट है, जंहा हिन्दू परम्पराओं के अनुसार मृतक का दाह संस्कार किया जाता है। इन चारों घाटों में भगवान शिव और बाबा भैरू के मंदिर हैं। इन मंदिरों से बड़ी संख्या में लोगों की अस्थाएं जुड़ी हुई है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में शिवभक्त इन मंदिरों में जाते हैं। इतना ही नहीं जब कोरोना से मरने वाले का दाहसंस्कार होता है तो भक्तजन रास्ता बदल कर मंदिर तक पहुंच जाते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि कोरोना से मरने वाले के दाह संस्कार स्थल से साथ के स्थान पर ही दूसरे व्यक्ति का दाह संस्कार कर दिया जाता है। ऐसे हालातों में कोरोना फैलने की प्रबल सम्भावनाएं रहती है। धमेंद्र जांगिड़ा ने सुझाया कि जिला प्रशासन कोरोना से मरने वालों के दाह संस्कार के लिए लोहारू रोड़ के फ्लाई ऑवर के पीछे नगर परिषद की जमीन पर या रेलवे के सीटी स्टेशन के आगे की खाली पड़ी जमीन में से भूमि दी जाए। यें सभी स्थान खुले और व्यापक हैं। उन्होने कहा कि अगर सरकारी नीति के अनुसार नए शमसान घाट के लिए जमीन नहीं दे सकता तो जिला प्रशासन शहर के चारों शमसान घाटों में कोरोना से मरने वालों के दाह संस्कार के लिए अलग से व्यवस्था करें ताकि दूसरे लोग सुरक्षित रह सके। Post navigation निजी स्कूल सूचना अधिकारी की सूचना प्रदान करने के निर्णय को हाई कोर्ट में नहीं दे सकते चुनौति दुहन चौथी बार हुए अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित