फैसला: बिना प्रथम व द्वितीय अपील किए निजी स्कूल सूचना अधिकारी की सूचना प्रदान करने के निर्णय को हाई कोर्ट में नहीं दे सकते चुनौति
-2018 में सर्व विद्यालय संघ, सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल ट्रस्ट ने लगाई थी स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के खिलाफ याचिका, सुनवाई में आया निर्णय

भिवानी, 24 नवंबर। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने प्राइवेट स्कूलों से आरटीआई के जरिए सूचनाएं मांगे जाने के विरुध डाली गई एक याचिका की सुनवाई पर अहम फैसला देते हुए याचिका का निपटारा कर दिया है। दरअसल वर्ष 2018 में सर्व विद्यालय संघ और 2020 में सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल ट्रस्ट एवं लाल बहादुर शास्त्री स्कूल की तरफ से तीन अलग-अलग याचिका हाई कोर्ट में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के विरुद्ध डाली गई थी। इसी में सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 23 नवंबर को फैसला दिया कि जनसूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत बिना प्रथम और द्वितीय अपील दायर किए निजी स्कूल जनसूचना अधिकारी के सूचना प्रदान करने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती नहीं दे सकते हैं। इस मामले में प्रतिवादी पक्ष की तरफ से अधिवक्ता प्रदीप रापडिय़ा ने न्यायालय को अवगत कराया कि जनसूचना अधिकार अधिनियम में प्रथम और द्वितीय अपील की सुनवाई में जाने की बजाए निजी स्कूल सीधे ही हाई कोर्ट में आ गए हैं। हाई कोर्ट ने जनसूचना अधिकार अधिनियम के सेक्शन 19 के तहत संबंधित अथॉर्टी के पास चार सप्ताह में जाने के निर्देश दिए और जब तक प्रथम अपील अथॉर्टी कोई आदेश नहीं करती है तब तक कोई सूचना उपलब्ध नहीं करवाई जाएगी। इसी पर न्यायालय ने याचिका का निपटारा कर दिया। 

ये था पूरा मामला

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने 2018 में हिसार जिला के 30 निजी स्कूलों से संबंधित जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जिला शिक्षा अधिकारी हिसार के माध्यम से कुछ पहलुओं पर जानकारी मांगी थी। हिसार के जिला शिक्षा अधिकारी ने 17 मई 2018 को एक कार्यालय आदेश जारी करते हुए संबंधित निजी स्कूलों को सूचनाएं उपलब्ध कराए जाने के निर्देश जारी किए थे। जिला शिक्षा अधिकारी के इस आदेश पत्र के विरुद्ध स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन द्वारा निजी स्कूलों से संबंधित आरटीआई मांगे जाने पर सर्व विद्यालय संघ ने 28 नवंबर 2018 को हाई कोर्ट में याचिका डाल दी। इसी तरह प्राइवेट स्कूल ट्रस्ट ने भी 02 जुलाई 2020 को हाई कोर्ट में निजी स्कूलों से आरटीआई की सूचनाएं मांगे जाने पर याचिका लगाई थी। लाल बहादुर शास्त्री स्कूल ने भी 10 अगस्त 2020 को अन्य आरटीआई मांगे जाने संबंधी मामले में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इन तीनों ही याचिकाओं पर न्यायालय ने फैसला लेते हुए याचिका का निपटारा कर दिया। 

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