सोमवार को पटौदी नागरिक अस्पताल में दो सिजेरियन डिलीवरी . नवजात शिशु में लड़का और लड़की सहित प्रसूता भी हैं स्वास्थ्य. पटौदी क्षेत्र की महिलाओं को रेवाड़ी-गुरूग्राम नहीं जाना पड़ेगा फतह सिंह उजाला पटौदी । कहा गया है कि शिशु को जन्म देना किसी भी गर्भवति-प्रसूता अथवा जननी के लिए दूसरा जन्म प्राप्त करने के बराबर है । बदलती जीवन शैली और कथित रूप से शारीरिक श्रम अथवा मेहनत कम होने के कारण अब सामान्य प्रसव की औसत दिन प्रतिदिन घटती जा रही है । ऐसे में शिशु को जन्म देने के लिए गर्भकाल का समय पूरा होने के बाद गर्भवती के लिए कई प्रकार की जटिल समस्याओं से भी जूझना पड़ता हैं। ऐसे में चिकित्सा क्षेत्र में एकमात्र विकल्प ऑपरेशन करना जिसे की सिजेरियन डिलीवरी भी कहा गया, वही बचता है । सिजेरियन डिलीवरी कि सुविधा अब पटौदी के सरकारी नागरिक अस्पताल में भी उपलब्ध हो गई है । पटौदी जैसे ग्रामीण अंचल में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध होना निश्चित ही पटौदी और हेलीमंडी नगर पालिका क्षेत्र के साथ-साथ आसपास के ग्रामीण अंचल की महिलाओं के लिए और ऐसे परिवारों के लिए जो कि सिजेरियन डिलीवरी का खर्च उठाने में समर्थ नहीं होते हैं , बहुत बड़ी राहत के साथ खुशी की बात है। सोमवार को पटौदी के नागरिक सरकारी अस्पताल में पहली बार दो सिजेरियन डिलीवरी की गई । इनमें एक महिला ने पहले ही ऑपरेशन के द्वारा बच्चे को जन्म दिया था, वही दूसरी गर्भवती महिला पहली बार शिशु को जन्म देने के लिए पहुंची थी। इन दोनों महिलाओं का प्रसव ऑपरेशन के बिना संभव नहीं था । ऐसे में सिजेरियन डिलीवरी के लिए तमाम सुविधाओं की व्यवस्था करके पटौदी नागरिक अस्पताल की एसएमओ डॉक्टर नीरू यादव और महिला रोग विशेषज्ञ डॉ ज्योति डबास की टीम ने सफल सिजेरियन प्रसव करवा कर पटौदी क्षेत्र की महिलाओं के लिए सिजेरियन डिलीवरी की शुरुआत कर सराहनीय कार्य किया है । एएएमओ यादव के मुताबिक उनका यह प्रयास है कि आज के दौर में किसी भी गर्भवती के लिए प्रसव का समय बहुत ही संवेदनशील रहता है । फिर भी मौजूदा समय में सीमित संसाधनों के बीच पटौदी के नागरिक अस्पताल में ही सिजेरियन डिलीवरी करवा कर अपने डॉक्टर होने के फर्ज को निभाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी । महिला रोग विशेषज्ञ डॉ ज्योति डबास ने बताया की उनका यह प्रयास है कि पटौदी के नागरिक अस्पताल में गर्भवती या फिर प्रसूता का सामान्य प्रसव सहित नॉर्मल डिलीवरी करवाई जाए । लेकिन कई बार हालात ऐसे बने बन जाते हैं की शिशु को जन्म देने के लिए गर्भवती का ऑपरेशन करना ही अंतिम विकल्प सामने रह जाता है । सोमवार को पहली बार पटौदी के नागरिक अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी के द्वारा एक बच्चा और एक बच्ची को जन्म दिया गया । सिजेरियन डिलीवरी को सफल बनाने में डॉ अश्विनी यादव, सर्जन नरवीर यादव, डॉक्टर सौरव सर्जन, नर्सिंग हेड सुशीला सहित अन्य स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पटौदी के नागरिक अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध होने के साथ ही पटौदी और नगरपालिका हेली मंडी के साथ-साथ आसपास के दर्जनों गांवों की गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों को सिजेरियन डिलीवरी के लिए रेवाड़ी या फिर गुरुग्राम जैसे शहरों के महंगे अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी के लिए दौड़ लगाने से भी राहत मिलेगी । इसके अलावा ऐसे परिवार जोकि सिजेरियन डिलीवरी का खर्च उठाने में स्वयं को असमर्थ महसूस करते रहे हैं अथवा करते हैं , उन सभी परिवारों को भी सिजेरियन डिलीवरी में अनावश्यक खर्च या फिर प्राइवेट अस्पतालों के द्वारा मुंह मांगे दाम या फिर खर्च वसूले जाने से भी राहत मिलेगी । एसएमओ डॉक्टर नीरू यादव ने बताया बीते माह अक्टूबर में 66 गर्भवती महिलाओं के द्वारा बच्चों को जन्म दिया गया और जारी नवंबर माह के दौरान सोमवार को दो सिजेरियन डिलीवरी के अलावा करीब 40 गर्भवती महिलाएं बच्चों को जन्म दे चुकी हैं । महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ज्योति डबास ने महिलाओं विशेष रूप से ग्रामीण अंचल की महिलाओं और परिवारों का आह्वान किया है कि जिन गर्भवती महिलाओं को सिजेरियन डिलीवरी के लिए बताया गया है , वह सभी समय रहते या फिर प्रसव काल से पहले पटौदी नागरिक अस्पताल में आकर संपर्क कर सकती हैं । पटौदी नागरिक अस्पताल का यह प्रयास रहेगा कि यहीं पर ही सफलतापूर्वक सिजेरियन डिलीवरी करवाई जाए। Post navigation अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार : पाल आर मिलग्राम और रॉबर्ट विल्सन संयुक्त रूप से सम्मानित ग्रामीणों ने लगाए पटवारी पर रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप