प्रतिवर्ष अक्टूबर माह में सर्वोच्च पुरस्कार का बेसब्री से इंतजार. नेशनल अकैडमी आफ साइंसेज इंडिया द्वारा सेमिनार आयोजित 

फतेह सिंह उजाला

सेवानिवृत्त आईएएस धर्मवीर

पटौदी । प्रतिवर्ष अक्टूबर माह के दौरान दुनिया भर के प्रबुद्ध नागरिकों को सर्वोच्च पुरस्कार, नोबेल पुरस्कार का बेसब्री से इंतजार रहता है । यह इंतजार इसलिए रहता है कि किस वैज्ञानिक अथवा बुद्धिजीवी को किस क्षेत्र में विशेष रुप से काम किया जाने पर प्रदान किया जाएगा । वास्तव में नोबेल पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की यादगार में प्रतिवर्ष घोषित कर प्रदान किए जाते हैं । यह जानकारी मीडिया के नाम जारी एक बयान में वरिष्ठ आईएएस हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव एवं चुनाव आयुक्त तथा एसपीएसटीआई के चेयरमैन धर्मवीर के द्वारा दी गई है ।

हरियाणा के मुख्य सचिव रह चुके वरिष्ठ सेवानिवृत्त आईएएस धर्मवीर ने जानकारी देते हुए बताया भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के संवर्धन के लिए सोसाइटी एस पी एस टी आई और चंडीगढ़ नेशनल अकैडमी आफ साइंसेज इंडिया एंनएएसआई का संयुक्त रुप से अक्टूबर माह के पहले 2 सप्ताह में नोबेल पुरस्कार पर व्याख्यान आयोजित किया गया । इसी श्रृंखला के चैथे चरण में अर्थशास्त्र नोबेल पुरस्कार पर ऑनलाइन जागरूकता व्याख्यान 21 नवंबर को आयोजित किया गया । इस व्याख्यान को प्रोफेसर कृष्णेन्दु घोष दस्तीदार अर्थशास्त्र के प्रोफेसर सेंटर फॉर इकोनामिक स्टडीज एंड प्लैनिंग स्कूल आफ सोशल साइंसेज जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली के द्वारा किया गया ।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित ऑनलाइन व्याख्यान शाला में  सत्र का आरंभ प्रोफेसर अरुण के ग्रोवर पूर्व कुलपति पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के द्वारा किया गया । पंजाब विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर उपेंदर के साहनी ने व्याख्यान में भाग लेने वाले सभी वक्ताओं का परिचय करवाया । इस व्याख्यान में जूम विंडो के साथ-साथ एस पी एस टी आई के फेसबुक चैनल पर अनेक दर्शकों ने भी अपनी भागीदारी निभाई । इस विशेष व्याख्यान शाला की खासियत यह रही कि स्पीकर ने इस प्रकार की विविध धाराओं से दशकों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए संवाद भी किए । उन्होंने बेहद प्रभावशाली तरीके से अर्थ प्रकार और इष्टतम नीलामी की व्याख्या की । उन्होंने विभिन्न संबंधित सिद्धांतों , जोखिम भौगोलिक परिस्थितियों और उनके प्रभावों के बारे में बताया । उन्होंने गणितीय मॉडल का उपयोग करते हुए व्याख्यान शाला में प्रतिभागी दर्शकों को विभिन्न सिद्धांतों के बारे में जो भी भ्रांतियां थी , उन पर चर्चा करते हुए भ्रांतियों का निदान भी किया । उन्होंने विभिन्न आर्थिक प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए बहुत ही व्यवहारिक तरीके से विभिन्न फार्मूलों का उपयोग करने के लिए प्रेरित भी किया  ।

स्पीकर ने नीलामी के आंतरिक कामकाज में अभिनव अनुसंधान के बारे में भी बताया और पारंपरिक रूप से कठिन वस्तुओं और सेवाओं की नीलामी के लिए नए प्रारूप तैयार किए जाने पर भी चर्चा की । इस व्याख्यान शाला में शामिल श्रोताओं के विभिन्न सवालों का उपेंद्र साहनी के द्वारा जवाब देते हुए समाधान किया गया । श्रोताओं के द्वारा वर्तमान परिदृश्य से संबंधित राजनीतिक , तकनीकी और आर्थिक विषयों पर सवाल सहित टिप्पणियां भी की गई। प्रोफेसर अरुण कुमार जेएनयू के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और प्रोफेसर दास्तीकार द्वारा व्याख्यान शाला के दौरान श्रोताओं के द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए उनकी जिज्ञासाओं को शांत करते हुए समाधान भी किया ।

वरिष्ठ आईएएस एवं हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव धर्मवीर ने इस व्याख्यान शाला के संदर्भ में चर्चा करते हुए बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में नीलामी के सिद्धांतों में सुधार और नए नीलामी प्रारूप के अविष्कार को लेकर मूल आवेश पुरस्कारों में अर्थशास्त्र पुरस्कार स्वीडन के द्वारा स्वीडन के केंद्रीय बैंक द्वारा स्थापित किया गया था और 1969 में पहली बार इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया । उन्होंने कहा सोसायटी फॉर प्रमोशन ऑफ साइंस ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन इंडिया विज्ञान और तकनीक को प्रोत्साहन देने के लिए काम कर रही है।

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