प्रदेश के सरकारी महकमें भी डिफाल्टर लिस्ट में

चंडीगढ़, 23 नवम्बर। हरियाणा बिजली निगम का बिल न भरने के कारण 5295 करोड़ 74 लाख से भी अधिक रूपया बिजली उपभोक्ताओ में फंसा हुआ है। बिजली के बिल अदा न करने में सबसे ज्यादा घरेलू उपभोक्ता है। बिल न जमा करवाने की सूची में प्रदेश के सरकारी विभाग भी पिछे नही है। प्रदेश का सरकारी महकमें भी निगम की लिस्ट में तीसरे नम्बर पर है। यह सब हरियाणा बिजली निगम की एक रिपोर्ट बता रही है। हरियाणा में लंबे समय से विभिन्न वर्गों के बिजली उपभोक्ताओं ने बिजली बिल नही चुका रहे है। हरियाणा में लगभग 16 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं पर बिजली निगमों का 5295 करोड़ 74 लाख से अधिक बकाया फंसा पड़ा है। इन डिफाल्टर बिजली उपभोक्ताओं में सबसे ज्यादा ग्रामीण उपभोक्ता शामिल हैं।

जबकि डिफाल्टरों की सूची में प्रदेश के सरकारी विभाग भी पीछे नही है। बिजली निगम ने बिजली बिल वसूली के लिए बिल सेटलमेंट स्कीम के तहत करोड़ रुपये बिजली उपभोक्ताओ से रिकवरी भी की थी। हरियाणा में काफी समय से विभिन्न वर्गों के बिजली उपभोक्ता बिजली बिल नही चुका रहे है। बिजली निगमों की ओर से इन उपभोक्ताओं से बकाया बिल अदा करने की अपील भी की जा चुकी है, उसके बावजूद प्रदेश में लगभग 16 लाख से भी अधिक उपभोक्ताओ में बिजली बिलों के रूप में निगम का 5295 करोड़ 74 लाख से भी अधिक रुपया फसा पड़ा है।

जिसमें घरेलू उपभोक्ताओं में 3605.36 करोड़, कृषि उपभोक्ताओं ने 180.98 करोड़, गैर घरेलू उपभोक्ताओं (कामर्शियल) में 499.98 करोड़, इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं में 603.57 करोड़, एग्रीक्लचर में 180.98 व सरकारी विभागो में 405.95 करोड़ रुपये के बिजली बिल फसे पड़े है। जिसका निगमों का कुल 5295 करोड़ 74 लाख से अधिक बकाया फसा पड़ा है।

शत्रुजीत कपूर चेयरमैन एवं एमडी बिजली निगम ने बताया कि हरियाणा बिजली निगम बकाया बिजली बिल रिकवरी को लेकर गंभीर है। निगम बिजली बिल बकायादारों से अपने बकाया बिजली बिलों को भरने की बार-बार अपील कर रहा है। वही बिजली निगम के सभी अधिकारी भी बकाया रिकवरी के लिए अपना काम कर रहे हैं।

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