मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नाम ज्ञापन सौंपा गया. छात्रों की चयन प्रकिया, नियम ओर प्रबंधन बिल्कूल भिन्न

फतह सिंह उजाला
पटौदी। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय फर्रुखनगर का मॉडल संस्कृति विद्यालय में परिवर्तित करने की बजाये नया स्टेक्चर तैयार करने की मांग को लेकर क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नाम नायब तहसीलदार रणसिंह गोदारा को ज्ञापन सौंपा।

सीएम के नाम सोंपे गए ज्ञापन में इनेलो के प्रदेश प्रवक्ता सुखबीर तंवर, नपा चेयरपर्शन सुमन यादव, बीजेपी मंडल अध्यक्ष दौलतराम गुर्जर, पूर्व नगर पार्षद नीरू शर्मा, पूर्व सरपंच राव महेंद्र सिंह डाबोदा, पूर्व सरपंच सुशील चैहान सुल्तानपुर, राकेश यादव प्रधान मौहम्मदपुर, पूर्व सरपंच सुरेश माजरी, लम्बरदार प्रताप सिंह माजरी,  अजीत सिंह चैहान सुल्तानपुर, मनोज पंघाल, सोनू सैनी, आनंद सिंह शर्मा आदि ने प्रदेश सरकार का आभार प्रकट करते है कि ऐतिहासिक शहर फर्रुखनगर का मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल का चयन किया गया है। लेकिन खेदजनक स्थिति यह है कि मॉडल संस्कृत स्कूल के लिए नवीन निर्माण करने की बजाए । राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय फर्रुखनगर को ही मॉडल संस्कृति स्कूल का स्वरुप प्रदान कर दिया गया है। चुंकि मॉडल संस्कृति स्कूल के लिए छात्रों की चयन प्रकिया, नियम ओर प्रबंधन बिल्कूल भिन्न है। जैसे सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत उक्त विद्यालय में एक कक्षा में केवल 40 छात्रों का ही चयन होना है।

छात्रों का भविष्य अंधकार में होगा

इस नीति के फलस्वरुप वर्तमान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यलय में शिक्षारत 581 छात्रों का भविष्य अंधकार में हो जाएगा। इस निर्णय का सबसे ज्यादा दुसप्रभाव अनुसुचित जाति और पिछडा वर्ग से सम्बंधित छात्रों पर पडेगा। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार अनुसुचित जाति व पिछडा वर्ग के छात्रों को साजिस के तहत शिक्षा के संवैधानिक अधिकार से वंचित करना चाहती है। दूसरा अति महत्वपूर्ण पहलु यह है कि शहरी क्षेत्र से छात्रों का ग्रामीण आंचल के विद्यालयों में समायोजन अत्यंत दुरूखद स्थिति है।

छात्रों को 15 किमी तक जाना पड़ेगा

इन हालातों में छात्रों को 6 से 15 किलों मीटर ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में जाना पडेगा।  उन्होंने बताया कि  प्रदेश के मुखिया स्वंय ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी परिवहन व्यवस्था से भली भांति अवगत है। क्षेत्र के छात्रों कों इस कुठाराघात से निजात दिलाई जाऐ। मॉडल संस्कृति स्कूल के लिए नव निर्माण किया जाए और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल विद्यालय को यथास्थिति रखा जाए। ताकि क्षेत्र के गरीब परिवार के छात्रों को ग्रहण करने में किसी प्रकार के अवरोध का सामना ना करना पडे।