पूर्व सीएम चैटाला के कहने पर आए थे राजनीति में रामबीर.
2000 में इनेलो की टिकट से पटौदी से बने थे विधायक.
राजनीतिक कैरियर में हजका, कांग्रेस और बीजेपी को भी देखा.
डिप्टी सीएम दुष्यंत की ही मौजूदगी में जजपा का थामेंगे झंडा

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 हरियाणा राज्य शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन रह चुके पटौदी के पूर्व विधायक रामवीर सिंह एक लंबे अंतराल के बाद जजपा से सक्रिय राजनीति में वापसी करने की तैयारी में जुटे हैं । इस बात के संकेत वैसे तो काफी समय पहले ही मिल गए थे, लेकिन बीते 1 माह के दौरान जिस प्रकार पूर्व एमएलए रामवीर सिंह जजपा नेताओं और डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला के सबसे करीबी लोगों-नेताओं के साथ सार्वजनिक मंच साझा कर रहे हैं, ऐसे में यह बात कहने में कोई गुरेज नहीं की रामवीर सिंह नई ऊर्जा के साथ सक्रिय राजनीति में लौटने की तैयारी कर चुके हैं।

एक दिन पहले ही जजपा के जिला अध्यक्ष ऋषि राज राणा के अलावा पूर्व एमएलए गंगाराम, दीपचंद, भारत नंबरदार सहित अन्य के साथ-साथ जजपा पार्टी के विभिन्न पदाधिकारियों कि अपने आवास पर बुलाई बैठक में समर्थकों से विचार विमर्श किया । उसका यही निचोड़ सामने आया कि अब सुबे में राजनीतिक भविष्य को देखते हुए एकमात्र विकल्प पूर्व सांसद डॉ अजय चैटाला और उनके पुत्र डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला की जजपा पार्टी ही सक्रिय राजनीति के लिए एकमात्र विकल्प सामने बचा है । यहां एक बात और गौरतलब है कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला के राजनीतिक सलाहकार एवं ओएसडी महेश बोहड़ा और रामवीर सिंह इनेलो सरकार के कार्यकाल में राज्य शिक्षा बोर्ड के लिए एक साथ काम भी कर चुके है ।

पूर्व एमएलए रामवीर सिंह ने बताया कि 1 दिन पहले का जो कार्यक्रम अथवा कार्यकर्ताओं की बैठक थी, वह 22 नवंबर को जजपा के संस्थापक पूर्व सांसद डॉक्टर अजय चैटाला के द्वारा जिला मुख्यालय पर जजपा पार्टी कार्यालय के उद्घाटन के सिलसिले में बुलाई गई और अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित किया जाना तय किया गया । रामवीर सिंह ने पूर्व सीएम ओम प्रकाश चैटाला के कहने पर ही 1996 में मार्केटिंग बोर्ड के सचिव पद से इस्तीफा देकर सक्रिय राजनीति में पदार्पण किया । 1996 में ही चैटाला की पार्टी के टिकट पर पटौदी से चुनाव लड़ा , लेकिन वर्ष 2000 में इनेलो की टिकट पर पटौदी से विधायक चुने गए । वर्ष 2005 में रामवीर की दावेदारी के विपरीत इनेलो सुप्रीमो चैटाला के द्वारा गंगाराम बोहड़ा को टिकट दी गई ।

इसके बाद रामवीर सिंह पूर्व सीएम भजनलाल और कुलदीप बिश्नोई द्वारा नवगठित हरियाणा जनहित कांग्रेस में भी शामिल हुए । लेकिन चुनाव में टिकट नहीं मिलने के कारण वह किसी हद तक सक्रिय राजनीति से अलग हट अपने समर्थकों के संपर्क में ही रहे । इसी बीच पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व विधायक रामवीर सिंह के पिता पूर्व एमएलए स्वर्गीय हीरालाल के राजनीतिक और पारिवारिक नजदीकियों को देखते हुए हुड्डा के कहने पर कांग्रेस में शामिल हो गए । लेकिन चुनाव के कांग्रेस की टिकट नहीं मिलने से रामवीर सिंह के समर्थकों को बहुत निराशा हुई । इसके बाद रामवीर सिंह ने बहुत ही नजदीकी और विश्वसनीय लोगों के भरोसे पर भाजपा पार्टी जॉइन कर ली । हां भी रामवीर सिंह ने स्वयं को असहज महसूस किया । 

उसके बाद अपने सभी समर्थकों और चाहने वालों से कई दौर का विचार मंथन करने के बाद फैसला किया गया कि हरियाणा में भविष्य की राजनीति को ध्यान में रखते हुए एकमात्र विकल्प अब जननायक जनता पार्टी ही सामने है । इस मामले में रामवीर सिंह का कहना है कि निकट भविष्य में डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला के पटौदी आगमन पर भव्य आयोजन के मंच से डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला की मौजूदगी में ही जननायक जनता पार्टी झंडा थाम कर एक कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवाएं पार्टी के विस्तार और मजबूती के लिए प्रदान करते रहेंगे । जननायक जनता पार्टी उनकी काबिलियत, अनुभव और योग्यता को देखते हुए जो भी जिम्मेदारी सौंपेगी उस कसौटी पर पूरा उतरने  कि कोई कसर बाकी नहीं रहने दी जाएगी।

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