नोबेल पुरस्कार इतिहास में दो महिला वैज्ञानिकों को पहली बार: धरम वीर

रसायन विज्ञान 2020 के लिए नोबेल पुरस्कार की की गई घोषणा.
दोनों नोबेल पुरस्कार एमानुएल टापीयार और जेनिफर ए डोडना को.
भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के संवर्धन के लिए सक्रिय एसपीएसटीआई

फतह सिंह उजाला

पटौदी  । पुरस्कार के इतिहास में पहली बार दो महिला वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ है । यह पुरस्कार रसायन विज्ञान 2020 में नोबेल पुरस्कार कैटेगरी में घोषित किए गए हैं । प्रत्येक वर्ष दुनिया भर के वैज्ञानिकों में जिज्ञासा सहित उत्सुकता बनी रहती है कि विज्ञान के सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त करने वाले कौन-कौन भाग्यशाली वैज्ञानिक होंगे । यह जानकारी वरिष्ठ आईएएस सेवानिवृत्त, धर्मवीर जो कि हरियाणा के मुख्य चुनाव आयुक्त भी रह चुके हैं और मौजूदा समय में एसपीएसटीआई के अध्यक्ष हैं उनके द्वारा जारी एक बयान में दी गई है ।

नेशनल अकैडमी आफ साइंसेज के अध्यक्ष वरिष्ठ आईएएस धर्मवीर ने जानकारी देते हुए बताया भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के संगठन के लिए नेशनल अकैडमी आफ साइंसेज के चंडीगढ़ यूनिट के साथ मिलकर भारत और आईआईएसईआर मोहाली के द्वारा उपरोक्त विषय पर ऑनलाइन जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया। प्रोफेसर डॉक्टर मधु खुल्लर अमेरिकन साइंटिस्ट प्रौद्योगिक चिकित्सा विभाग पीजीआई चंडीगढ़ द्वारा इस विषय पर शिक्षाविदों वैज्ञानिकों, छात्रों और शिक्षकों सहित वैज्ञानिक विचारधारा के श्रोताओं को लेकर एक व्याख्यान सहित कार्यशाला का आयोजन किया गया। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा समर्थित नोबेल पुरस्कार की श्रृंखला में यह अपने तरह का दूसरा व्याख्यान था। पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अरुण के ग्रोवर ने  संबंधित व्याख्यान कार्यशाला के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया संबंधित नोबेल पुरस्कार 10 दिसंबर को प्रदान किए जाने हैं ।

प्रोफेसर मधु खुल्लर ने प्रभावी स्लाइड्स और डायग्राम के द्वारा जीन सिप्ललिंग और पैचिंग की तकनीक के बारे में विस्तार से जानकारी दी।ं उन्होंने स्टेम सेल पर विस्तार से और प्रभावशाली तरीके से मॉडल के माध्यम से जानकारी दी। इसी मौके पर बताया गया मानव प्रत्यारोपण के लिए सूअर के अंगों को सीआरआईएसपीआर- सीएएस 9 प्रणाली द्वारा प्रतिरक्षित किया जा सकता है । इस शोध अथवा खोज में एचआईवी, हेपेटाइटिस बी , कैंसर और रक्त विकारों के निदान भी समाहित हैं । इस परिचर्चा में मुख्य रूप से जीन संपादित जीवो पर विचार विमर्श के साथ-साथ शामिल विभिन्न वक्ताओं ने अपने अनुभव साझा किए । इसी मौके पर विभिन्न वक्ताओं ने अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि सीआरआई एसपीआर एक दिन हमारी भौतिक वास्तविकता की तरह बुनी जाएगी, जिस प्रकार कंप्यूटर गणित में व्यवस्था मौजूद है। सुसाइंससेंटर माक्र्स प्रोफेसर धीरज सांधी निदेशक पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़ के द्वारा बनाया गया था ।

इस मौके पर वरिष्ठ आईएएस और एसपीएसबीआई के अध्यक्ष धर्मवीर के द्वारा व्याख्यान में शामिल होने के लिए सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए नोबेल पुरस्कार के लिए चयनित दोनों महिला वैज्ञानिकों को सभी की तरफ से शुभकामनाएं दी । उन्होंने बताया कि नोबेल पुरस्कार औपचारिक रूप से 10 दिसंबर को प्रदान किए जाने हैं । लेकिन इससे पहले 21 नवंबर को अर्थशास्त्र, 28 नवंबर को भौतिकी, 5 दिसंबर को रसायन विज्ञान और 8 दिसंबर को शांति विषय को लेकर ऑनलाइन व्याख्यान आयोजित किए जाएंगे ।

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